जिले के चार प्रखंडों में चल रहा कालाजार उन्मूलन अभियान

लखीसराय। जिले में कालाजार की रोकथाम को लेकर छिड़काव का अभियान चलाया जा रहा है। अभिया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:22 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:22 PM (IST)
जिले के चार प्रखंडों में चल रहा कालाजार उन्मूलन अभियान
जिले के चार प्रखंडों में चल रहा कालाजार उन्मूलन अभियान

लखीसराय। जिले में कालाजार की रोकथाम को लेकर छिड़काव का अभियान चलाया जा रहा है। अभियान की शुरुआत सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय प्रखंड से की गई है। सूर्यगढ़ा प्रखंड के मुस्तफापुर, पियारिया के रामचंद्रपुर में छिड़काव किया जा रहा है। जिले के आठ सबसे अधिक कालाजार प्रभावित गांवों मसुदन, मुस्तफापुर, हैवतगंज, वलीपुर, रामचंद्रपुर, रजोना चौकी एवं रेहुआ गांव में कालाजार उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए दो टीमें बनाई गई है। हर टीम में छह स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। ये स्वास्थ्यकर्मी गांवों में गली नाली व घरों की दीवार पर सिथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव करेंगे। ---

माइक्रोप्लानिग के तहत किया जा रहा छिड़काव

प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीके चौधरी ने बताया की कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। प्रभावित गांवों में इस अभियान की शुरुआत हुई है। माइक्रोप्लान के तहत पुन: इस अभियान की शुरुआत की गयी है। इस अभियान के दौरान गांव के हर एक घरों में छिड़काव किया जाएगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी सभी घरों में जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस बीमारी के बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं करें। फिर भी यदि जल जमाव की स्थिति है तो उसमें केरोसीन डालने और सोते समय मच्छरदानी लगा कर ही सोने की सलाह दी है। साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है। कालाजार को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आस-पास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा गया है। ---

कालाजार बीमारी की ऐसे करें पहचान

कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होती है। कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। इलाज में देरी होने से हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा की परत भी सूख कर झड़ते हैं। कालाजार के लक्षण दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल या पीएचसी भेजा जाना चाहिए।

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