कोरोना के साए में रोजेदारों ने पहले जुमे पर की खुदा की इबादत

लखीसराय। खुदा की इबादत कर अपनी गलतियों की माफी मांगने और अपनी तरक्की के लिए अल्लाह से दुआ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:03 PM (IST)
कोरोना के साए में रोजेदारों ने पहले जुमे पर की खुदा की इबादत
कोरोना के साए में रोजेदारों ने पहले जुमे पर की खुदा की इबादत

लखीसराय। खुदा की इबादत कर अपनी गलतियों की माफी मांगने और अपनी तरक्की के लिए अल्लाह से दुआ मांगने का पवित्र माह रमजान का तीसरा दिन और पहला जुमा जिले में सादगी से घरों में मनाया गया। गत वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना संक्रमण के खौफ के बीच रोजेदारों ने सरकारी आदेश और कोरोना नियमों का पालन करते नमाज अदा की। जिला प्रशासन के 30 अप्रैल तक मंदिर-मस्जिद बंदी आदेश का असर रमजान पर में भी देखने को मिला। मस्जिदों में पहले जुमे की नमाज अदा करने की भीड़ गायब रही। अधिकांश रोजेदारों ने अपने-अपने घरों में नमाज अदा करके अल्लाह की इबादत की। हालांकि मस्जिदों में मौलाना के अलावा कुछ लोगों ने नमाज अदा की। शहर के चितरंजन रोड स्थित छोटी दरगाह मस्जिद, बड़ी दरगाह मस्जिद, इंगलिश मोहल्ला मस्जिद, खगौर, वृंदावन, बालगूदर, अमहरा, भेनोरा आदि मस्जिदों में मौलाना के अलावे 10 से 15 रोजेदार सामूहिक रूप से नमाज अदा की। हालांकि नमाज अदा करने के बाद मस्जिदों में ताला लटक गया। रमजान माह में जुमे पर नमाज अदा करने को लेकर जो उत्साह और भीड़ पहले रहती थी वो इस बार कहीं नजर नहीं आई। लखीसराय थाना में पदस्थापित एसआइ अतहर रब्बानी, ट्रैफिक प्रभारी मु. सोहराब ने भी पहले जुमे पर अपने आवास पर ही नमाज अदा करके खुदा की इबादत की। रोजेदार पूर्व मुखिया इरफान ने बताया कि रमजान के महीना में रहमतों का दरवाजा खुल जाता है। रोजा स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। चार बार की जगह केवल शाम में खाना खाने से पेट को आराम मिलता है। दिन भर खाना नहीं खाने से भी शरीर को ऊर्जा मिलती है। रमजान में खजूर, सेब, केला, चना, हरी सब्जियां आदि खाते हैं।

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