बिलौरी गांव में सरकारी तालाब को कराया गया अतिक्रमणमुक्त
जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत अतिक्रमित जलस्रोतों को अतिक्रमणमुक्त करने के सरकारी आदेश का असर होने लगा है। बुधवार को जिला प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने बिलोरी गांव पहुंची तो गांव में खलबली मच गई।
लखीसराय। जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत अतिक्रमित जलस्रोतों को अतिक्रमणमुक्त करने के सरकारी आदेश का असर होने लगा है। बुधवार को जिला प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने बिलोरी गांव पहुंची तो गांव में खलबली मच गई। जानकारी हो कि लखीसराय प्रखंड के बिलोरी गांव स्थित सरकारी तालाब की जमीन पर दशकों से अतिक्रमण कर स्थानीय ग्रामीणों ने मकान और मवेशियों के लिए बथान बनाकर रह रहे थे। जेसीबी और पोकलेन मशीन चलाकर तालाब की अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया गया। बिलौरी गांव स्थित कोचिया पोखर के खाता 235, खसरा 3039, रकवा चार एकड़ 55 डिसमिल जमीन के पश्चमी और दक्षिण छोर पर स्थानीय ग्रामीण अतिक्रमण कर वर्षों से रह रहे थे। जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत इस तालाब को अतिक्रमणमुक्त करने की जिम्मेदारी लघु सिचाई विभाग को दी गई। विभाग द्वारा एक दर्जन अतिक्रमणकारी को चिह्नित करते हुए वर्ष 2019 में ही अतिक्रमण वाद 16/2019-20 शुरू किया गया। इसके तहत सीओ लखीसराय द्वारा एक दर्जन चिह्नित अतिक्रमणकारी को दो वर्षों के अंदर कई बार नोटिस देकर सरकारी जमीन को खाली करने को कहा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। अंत में जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की गई और तालाब की जमीन पर स्थायी संरचना बनाकर रह रहे ग्रामीण सरदारी यादव, प्रकाश यादव, भिखारी महतो, परमेश्वरी यादव, रॉय यादव, भोला यादव, राजो साव, आनंदी साव, शंकर साव, महेश साव, ब्रह्मदेव यादव के कब्जे बाली जमीन को जेसीबी और पोकलेन से अतिक्रमण मुक्त करवाया गया। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। इन लोगों ने तालाब की जमीन पर झोपड़ी बना रखी थी। वे ईंट, छप्पर और सामान हटाने में लगे रहे। सीओ संजय पंडित, लखीसराय थाना के एसआइ अतहर रब्बानी, लघु सिचाई विभाग के कनीय अभियंता विश्वविजय सिंह, रंजीत सिंह, अमीन, सुशील कुमार के अलावे पुलिस केंद्र लखीसराय से काफी संख्या में महिला-पुरुष एवं पुलिस बल मौजूद थे।