26 करोड़ की लागत से बन रहा विश्वस्तरीय संग्रहालय

लखीसराय। जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए विभिन्न खोदाई में मिले पौराणिक अवश

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 07:01 PM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 07:01 PM (IST)
26 करोड़ की लागत से बन रहा विश्वस्तरीय संग्रहालय
26 करोड़ की लागत से बन रहा विश्वस्तरीय संग्रहालय

लखीसराय। जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए विभिन्न खोदाई में मिले पौराणिक अवशेषों को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए विश्व स्तरीय संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। लखीसराय-पटना एनएच 80 अशोक धाम मोड़ पर 26 करोड़ की लागत से उच्च स्तरीय संग्रहालय का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। सरकार की अधिकृत एजेंसी भवन निर्माण निगम, लिमिटेड द्वारा यह कार्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संग्रहालय का शिलान्यास करने के बाद 7 सितंबर 2020 को निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। करीब चार महीने में चयनित जमीन की घेराबंदी कर नक्शा के अनुसार संग्रहालय का निर्माण कार्य निरंतर जारी है। निर्माणाधीन संग्रहालय के सामने सरकारी जमीन पर 250 फीट लंबा और 110 फीट चौड़ा खेल मैदान का भी निर्माण कराया जा रहा है जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने निर्माण एजेंसी के एमडी को व्यवस्थित तरीके से खेल मैदान का निर्माण एवं पौधारोपण करने का निर्देश दिया है। ---

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

राजकीय स्मारक लाली पहाड़ी के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2017 में लखीसराय में पौराणिक अवशेषों को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय का निर्माण कराने की घोषणा की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने काफी प्रयास के बाद उच्च एवं मध्य विद्यालय बालगुदर के पास की जमीन का चयन करके संग्रहालय निर्माण के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा। इसके बाद सरकार ने संग्रहालय भवन निर्माण की मंजूरी देते हुए 26 करोड़ की राशि की स्वीकृत दी। ---

तीन मंजिला होगा संग्रहालय भवन

लखीसराय संग्रहालय विश्वस्तरीय होगा। इसका भवन तीन मंजिला एवं उच्च स्तरीय होगा। संग्रहालय भवन निर्माण का शिलान्यास 8 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कांफ्रेंसिग से किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अगस्त 20 को संग्रहालय का शिलान्यास करने के एक महीने बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्लस टू उच्च बालगुदर के आगे की जमीन पर निर्माण से पहले उसकी घेराबंदी का कार्य कराया गया था ।

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