'रोहिणी रस' बिन धधक रहा धान का कटोरा

लखीसराय। जिले के हलसी एवं रामगढ़ चौक प्रखंड को धान का कटोरा माना जाता है। जिला का सर्वाि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 10:24 PM (IST)
'रोहिणी रस' बिन धधक रहा धान का कटोरा
'रोहिणी रस' बिन धधक रहा धान का कटोरा

लखीसराय। जिले के हलसी एवं रामगढ़ चौक प्रखंड को धान का कटोरा कहा जाता है। जिला का सर्वाधिक धान का उत्पाद इन्हीं दो प्रखंडों में होता है। धान की उन्नत खेती के लिए बिचड़ा डालने का सबसे उपयुक्त समय फसल चक्र के हिसाब से रोहिणी नक्षत्र होता है जो अब बीतने के करीब है। रोहिणी की बरसात धान के लिए अमृत रस मानी जाती है। लेकिन, अभी धान के कटोरा में एक बूंद भी पानी नहीं है। रोहिणी नक्षत्र के पहले कृतिका नक्षत्र में बारिश होने से किसानों ने खेत की जोताई करके इसे तैयार किया, लेकिन अब निराश हैं। इस भयानक गर्मी में धरती सूख गई है। रोहिणी रस बिन खेत धधक रहे हैं। दिन में खेतों में खड़ा हो पाना मुश्किल है। बिना पानी खेतों में बिचड़ा रोपण होगा नहीं।

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धान उत्पादन का लक्ष्य

हलसी प्रखंड में 8,500 हेक्टेयर एवं रामगढ़ चौक प्रखंड में 7,000 हेक्टेयर में धान की फसल आच्छादित करने का विभागीय लक्ष्य है। परंतु किसान बारिश पर आश्रित हैं। यहां लोअर किऊल जलाशय से निकलने वाले नहर और केनाल में बूंद भर पानी नहीं है। बिजला के कृषि फीडर का भी हाल बुरा है। ऐसे में किसान सिर्फ बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हलसी एवं रामगढ़ चौक के प्रखंड कृषि पदाधिकारी का कहना है कि बारिश के बिना बिचड़ा नहीं डाला जा सकता है।

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किसानों ने रखी अपनी बात धान के खेती के लिए रोहिणी नक्षत्र सबसे प्रमुख नक्षत्र है। इस नक्षत्र में धान के बिचड़ा गिराने से किसान की उपज अधिक होने के साथ फसल में बीमारियों का प्रकोप नहीं होता है। धान का बिचड़ा समय पर नहीं गिरा तो भारी नुकसान और अकाल की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

देवशरण सिंह, किसान, घोंघसा रोहिणी नक्षत्र में बारिश नहीं होने से उम्मीदें टूट रही है। अत्याधिक नुकसान होने का संकेत है। इस नक्षत्र में बारिश नहीं होने एवं नहर में पानी नहीं दिए जाने से अकाल की संभावना बन रही है। अद्रा नक्षत्र में बोरिग से सिचाई करके धान का बिचड़ा गिराने का कार्य किया जाएगा।

रामनरेश प्रसाद यादव, किसान, महुआडीह

रोहिणी नक्षत्र में बारिश नहीं होने से अकाल के बादल मंडराने लगे हैं। करीब 60 एकड़ में धान की फसल लगाए। लेकिन एक दाना धान का बिचड़ा नहीं गिरा सके हैं। बदलते मौसम के कारण बिचड़ा नहीं गिरा रहे हैं। सरकार एवं विभाग ने अब तक धान का बिचड़ा उपलब्ध नहीं कराया है।

चांदो यादव, किसान, बिजुलखी बोरिग के सहारे रोहिणी नक्षत्र में पांच एकड़ के लिए धान का बिचड़ा गिराया गया है। शेष खेतों के लिए बोरिग के सहारे बिचड़ा गिराना असंभव है। इंद्र भगवान की बेरुखी के कारण इस वर्ष भी सुखाड़ व अकाल का संकेत है। ऐसे समय में विभाग की ओर से कभी कोई मदद नहीं की जाती है।

राजेश्वरी सिंह, किसान, फतेहपुर बोले विधायक

किसानों की हर आपदा को सरल तरीके से निबटाने के लिए सरकार कटिबद्ध है। प्रकृति के सामने किसी का कुछ नहीं चलता है। रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने की स्थिति में बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। राज्य के सिचाई मंत्री से बात करके नहर में पानी छोड़वाने का कार्य किया जा रहा है। अन्य सहायता के लिए सरकार योजना बना रही है।

विजय कुमार सिन्हा, विधायक सह श्रम संसाधन मंत्री, बिहार सरकार

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