एचआइवी से कमजोर हो जाती है इम्यून सिस्टम, बरतें सावधानी
लखीसराय। जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई लखीसराय के तत्वाधान में शुक्रवार को प्लस टू उवि बड
लखीसराय। जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई लखीसराय के तत्वाधान में शुक्रवार को प्लस टू उवि बड़हिया के सभागार में एड्स से बचाव एवं रक्तदान विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रह्मचारी पांडेय एवं संचालन शिक्षक घनश्याम कुमार कर रहे थे। जिला पर्यवेक्षक जितेंद्र कुमार लाल ने सेमिनार में मौजूद छात्र-छात्राओं को एचआइवी एड्स के बारे में जानकारी दी। बताया कि यह एक ऐसी बीमारी है जो एचआइवी नामक वायरस के शरीर में आ जाने से होती है। इसका पूरा नाम एक्वायर्ड एमीनों डेफिशियेंसी सिड्रोम है। एड्स के रोगी का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। यदि किसी एचआइवी पीड़ित व्यक्ति का रक्त किसी सामान्य व्यक्ति को चढ़ा दिया जाता है तो वह व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने से जैसे कि यदि किसी संक्रमित व्यक्ति का सीमेन किसी सामान्य स्त्री के शरीर में जाता है तो वह संक्रमित हो जाती है। यदि संक्रमित महिला किसी पुरुष के साथ संबंध बनाती है तो उस पुरुष को भी संक्रमण हो जाता है। माता अगर अपने बच्चे को स्तनपान कराती है तो बच्चे को भी संक्रमण हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि संक्रमित रोगी को एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी से कई सालों तक जीवनदान दिया जा सकता है। एफओ संतोष कुमार ने मौजूद छात्र-छात्राओं को रक्तदान करने को प्रेरित करते हुए कहा कि रक्तदान करने से बहुत फायदे होते हैं। दूसरों का जीवन बचाया जा सकता है। रक्तदान के बाद कमजोरी महसूस नहीं होती है। कमजोरी का इससे कोई संबंध नहीं है। खून देखकर मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण कई बार लोगों को चक्कर आने लगता है। इससे बचने के लिए अपनी आंख को बंद रखना चाहिए। रक्तदान करने के बाद जूस पीना चाहिए। आधा घंटा तक आराम करने के बाद वह सामान्य हो जाते हैं। इस मौके पर शिक्षक गोपाल कुमार, प्रेम कुमार, प्रभाकर कुमार, सुधीर कुमार, ताराचंद किशोर, किरण कुमारी, शशिकला कुमारी, संजू कुमारी सहित कई छात्र-छात्रा मौजूद थे।