न्याय की लड़ाई का आईना दिखा रहे मधुकर

तंत्र के गण अभिव्यक्ति का अधिकार ------------------------------- मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 06:13 AM (IST)
न्याय की लड़ाई का आईना दिखा रहे मधुकर
न्याय की लड़ाई का आईना दिखा रहे मधुकर

तंत्र के गण : अभिव्यक्ति का अधिकार

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मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के बैनर तले शोषण और महिला उत्पीड़न के विरुद्ध लड़ रहे हैं लड़ाई

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक, दर्जनों पीड़ितों को दिलाया न्याय मुकेश कुमार, लखीसराय : भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों में अभिव्यक्ति का अधिकार भी शामिल है। समाज में कुछ इसी प्रकार के लोग उन अधिकारों का पालन करते हुए दूसरों को भी अभिव्यक्ति के अधिकार के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं। शहर के पुरानी बाजार धर्मरायचक मोहल्ला निवासी मधुकर झा पिछले दो वर्षों से आम आदमी की समस्याओं को उठाने के साथ लड़ाई लड़ने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जगन्नाथ मिश्रा द्वारा संचालित मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान से प्रेरित होकर वे अभिव्यक्ति के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। मधुकर इस संगठन के बतौर लखीसराय जिला महासचिव हैं। उन्होंने इसके लिए लोगों को भी प्रेरित किया जिसके फलस्वरूप में विभिन्न सरकारी विभागों में व्याप्त ज्वलंत समस्याओं को उठाने के साथ समाधान नहीं होने तक लोगों को संघर्ष करते रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं। जुल्म-ज्यादती से लड़ना, शोषण और महिला उत्पीड़न के विरुद्ध अपनी बात को दमदारी से व्यवस्था तक पहुंचाने एवं सामाजिक सरोकार के साथ साथ गरीबों को न्याय दिलाना मधुकर झा की पहचान बन गई है। मधुकर बताते हैं कि प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है। वर्तमान में सोशल मीडिया के कारण अभिव्यक्ति और मुखर हुई है लेकिन कुछ मामलों में आज भी इसे दबाने की कोशिश समय-समय पर सामने आती रही है। मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य संविधान में उल्लिखित मूल अधिकारों को जनता को सुलभ कराना है। संस्था से जुड़कर भयमुक्त, भेदभावमुक्त, शोषणमुक्त, अभावमुक्त एवं पूर्वाग्रहमुक्त वातावरण का निर्माण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्रतिष्ठान के कार्यक्रम के अनुसार महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं का संकलन कर पुलिस और न्यायलय में प्रस्तुत करवा कर जन चेतना जगाकर लोगों को जागरूक करने के लिए गोष्ठी और अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मधुकर कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के विचारों और उनकी स्वतंत्रता का अधिकार दिलाने के लिए लगातार अभियान जारी रहेगा।

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