शिक्षा विभाग लाचार, फर्जी शिक्षकों पर नियोजन इकाई की मेहरबानी

निगरानी जांच में पकड़ाया था फर्जीवाड़ा पुलिस थानों में केस दर्ज होने के बाद भी सेवा समाप्ति

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 05:59 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 05:59 PM (IST)
शिक्षा विभाग लाचार, फर्जी शिक्षकों पर नियोजन इकाई की मेहरबानी
शिक्षा विभाग लाचार, फर्जी शिक्षकों पर नियोजन इकाई की मेहरबानी

निगरानी जांच में पकड़ाया था फर्जीवाड़ा, पुलिस थानों में केस दर्ज होने के बाद भी सेवा समाप्ति की नहीं हुई कार्रवाई, दो वर्ष से फरार हैं कई शिक्षक

चानन प्रखंड के बीडीओ से अनियमित तरीके से नियोजित आठ शिक्षकों की मांगी गई थी फोल्डर, शिक्षा विभाग को अबतक नही मिला कोई कागजात संवाद सहयोगी, लखीसराय : लखीसराय जिले में नियोजित शिक्षकों के कागजातों की जांच कर रही निगरानी की टीम ने अबतक सात फर्जी शिक्षकों पर जिले के अलग-अलग थानों में केस दर्ज की है। निगरानी के निर्देश पर शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना द्वारा फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए दर्जनों बार नियोजन इकाई को पत्र लिखा है लेकिन विद्यालय से फरार इन फर्जी शिक्षकों पर नियोजन इकाई मेहरबान बनी हुई है। इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई अबतक नहीं की गई है। चानन प्रखंड में प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा अनियमित तरीके से नियोजित आठ शिक्षकों के नियोजन संबंधित सभी अभिलेख गायब है। शिक्षा विभाग ने बीडीओ चानन से संबंधित शिक्षकों के नियोजन से संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा लेकिन आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया। और न कार्रवाई हो सकी। जागरण ने जब इस मामले की पड़ताल की तो यह सामने आया कि इसमें सबका घालमेल है।

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सात फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा, लेकिन सेवा समाप्ति नहीं हुई

कोर्ट के आदेश पर नियोजित शिक्षकों के सभी प्रमाण पत्रों की जांच कर रही निगरानी ने वर्ष 2012 में बहाल मध्य विद्यालय गेरुआ हलसी की प्रखंड शिक्षिका ललिता कुमारी, वर्ष 2010 में बहाल उच्च विद्यालय परसावां के शिक्षक प्रमोद कुमार, वर्ष 2014 में बहाल मध्य विद्यालय शरमा के प्रखंड शिक्षक ज्योति कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुरारी की शिक्षिका विभा कुमारी एवं चानन प्रखंड में शिक्षक चंदन कुमार, सीता कुमारी एवं कृष्ण कुमार के नियोजन अभिलेख की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर सभी के विरुद्ध वर्ष 2017 में ही थाने में केस किया गया। इन फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध केस दर्ज होने के बाद डीपीओ स्थापना ने संबंधित नियोजन इकाई को पत्र लिखकर सेवा समाप्ति करके रिपोर्ट देने को कहा। लेकिन डीपीओ के आदेश पर नियोजन इकाई का कोई असर नहीं हुआ। और इस कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये सभी फर्जी शिक्षक फरार हैं।

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आठ संदिग्ध प्रखंड शिक्षकों पर भी नही हुई कार्रवाई

चानन प्रखंड में अभी भी कई संदिग्ध नियोजन वाले प्रखंड शिक्षक घालमेल कर ड्यूटी कर रहे हैं। नियोजित शिक्षकों की फोल्डर जांच में पाया गया कि प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा बिना मेधा सूची में नाम रहे अवैध रूप से कई प्रखंड शिक्षक के रूप में नौकरी दी। निगरानी ने ऐसे आठ संदिग्ध शिक्षकों की पहचान कर बीडीओ से नियोजित शिक्षकों का आवेदन सहित अन्य कागजात की मांग की तो बीडीओ द्वारा कोई कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया। शिक्षा विभाग ने इसे अवैध रूप से नियोजित मानते हुए आठ शिक्षकों पर केस करने का आदेश दिया। लेकिन उसका भी अनुपालन नहीं हुआ। जानकारी हो कि तत्कालीन डीपीओ स्थापना श्याम बाबू राम ने अनियमित तरीके से बहाल आठ शिक्षकों मीनाक्षी, शैलेश कुमार चौधरी, सूरज प्रकाश, राजराम कुमार, मनोज कुमार रावत, मंजरी कुमारी, पिकी कुमारी एवं कुमारी अनुप्रिया के मूल आवेदन के साथ अन्य प्रमाण पत्र 26 दिसंबर 2015 को बीडीओ चानन से उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन, चार वर्ष बीतने को है। इस अनियमित प्रखंड शिक्षकों का नियोजन संबंधित कोई कागजात प्रखंड नियोजन इकाई के सचिव सह बीडीओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया।

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कोट

निगरानी द्वारा जिन फर्जी शिक्षकों पर केस दर्ज किया है उसके नियोजन इकाई को कई बार पत्र लिखकर सेवा समाप्ति की रिपोर्ट मांगी गई है। लेकिन, अभी तक किसी ने फर्जी शिक्षक की सेवा समाप्ति की रिपोर्ट नहीं दी है। पूर्व में चानन प्रखंड के जिन आठ संदिग्ध प्रखंड शिक्षकों का कोई अभिलेख प्राप्त नहीं हुआ था। इसकी भी जानकारी मिली है। सभी मामलों की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- रमेश पासवान, डीपीओ स्थापना, शिक्षा विभाग

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