आहर व पइन का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण की कवायद

लखीसराय । भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण लखीसराय सहित संपूर्ण देश में गंभीर जल संकट उत्प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:53 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:53 PM (IST)
आहर व पइन का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण की कवायद
आहर व पइन का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण की कवायद

लखीसराय । भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण लखीसराय सहित संपूर्ण देश में गंभीर जल संकट उत्पन्न होता जा रहा है। भूजल स्तर को ऊपर उठाने को लेकर जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सरकारी जमीन पर बने अतिक्रमण के शिकार आहर, पइन, तालाब, कुआं आदि को जीवनदान देने के लिए जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसके लिए जिले के 630 आहर एवं 956 पइन को चिह्नित किया है।

जिले में आहर की स्थिति

जल संरक्षण को लेकर जीर्णोद्धार करने के लिए जिले के 630 आहर को चिह्नित को चिह्नित किया गया है। इनमें से 193 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया है। 79 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 114 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है।

जिले में पइन की स्थिति

जीर्णोद्धार कराने को लेकर जिले के 956 पइन को चिह्नित किया गया है। 245 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें से 49 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 196 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है।

कोट जीर्णोद्धार कराने के लिए जिले के चिह्नित 630 आहर एवं 956 पइन में से प्रथम चारण में 193 आहर एवं 245 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया है। शेष 437 आहर एवं 711 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य जल्दी ही शुरू कराया जाएगा। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।

विनय कुमार मंडल, उप विकास आयुक्त, लखीसराय

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