चानन में गहराया पेयजल संकट, पशु पालक भी परेशान
लखीसराय । चानन प्रखंड क्षेत्र में इस साल एक माह पहले ही पेयजल संकट गहरा हो गया है। मई के
लखीसराय । चानन प्रखंड क्षेत्र में इस साल एक माह पहले ही पेयजल संकट गहरा हो गया है। मई के शुरुआती समय में ही क्षेत्र की नदी, तालाब, आहर व पैइन सूख चुके हैं। आम लोगों के साथ ही पशुपालक किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पशुओं की प्यास बुझाने के लिए किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। पशुओं को लेकर खेत-बहियार जाने वाले पशुपालक किसान अपने साथ बाल्टी और रस्सी लेकर जा रहे हैं। खेत में पशुओं के चरने के दौरान उसकी प्यास बुझाने के लिए कुआं का सहारा लेना पड़ रहा है। पशुपालक कुएं से पानी निकालकर पशुओं को पानी पिलाने को विवश हैं। इसमें दुखद यह भी है कि खेत बहियार में सभी जगह कुआं भी नहीं है। जहां कुआं है भी उसका जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। कुएं से आवश्यकता से कम पानी निकल रहा है। इस कारण पहले आओ-पहले पाओ की स्थिति बनी हुई है। पशुपालक कैलाश यादव, जनार्दन यादव, महेश यादव, बुधन यादव, जगदीश यादव आदि ने बताया कि बलहपुर व बतसपुर बहियार में इक्का-दुक्का पुराना कुआं है। सात-आठ किलोमीटर दूर किऊल नदी, बासकुंड व मोरवे डैम में पानी अभी है। हालांकि इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पशुपालकों ने बताया कि गांव में भी अधिकांश चापाकल फेल चुके हैं। पशुपालकों का कहना है कि मई के अंत तक वे लोग हर साल पेयजल की समस्या के कारण पशुओं को लेकर दियारा चले जाते रहे हैं। इस बार पहले ही पेयजल संकट गहरा गया है। कोरोना के कारण पशुपालक बाहर जाने के लेकर असमंजस में हैं।