सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना हाथी के दांत, 10 करोड़ खर्च करके भी पानी नहीं

लखीसराय । चुनावी मौसम आते ही विभिन्न दल के नेता वोट की खातिर जनता से वादे करते नहीं अघाते

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:54 PM (IST)
सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना हाथी के दांत, 10 करोड़ खर्च करके भी पानी नहीं
सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना हाथी के दांत, 10 करोड़ खर्च करके भी पानी नहीं

लखीसराय । चुनावी मौसम आते ही विभिन्न दल के नेता वोट की खातिर जनता से वादे करते नहीं अघाते हैं। चुनाव समाप्त होते ही नेता अपने वादे भूल जाते हैं। इसका नमूना सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना प्रस्तुत कर रहा है। जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत हैबतगंज (मेदनी चौकी) से लेकर माणिपुर क्षेत्र के बीस हजार एकड़ खेतों की सिचाई के लिए सूर्यगढ़ा गंगा पंप नहर योजना के नाम से एक सिचाई परियोजना वर्षों से उपेक्षित एवं जीर्णशीर्ण थी। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश ने सांसद ललन सिंह की पहल पर इसके जीर्णोद्धार का निर्णय लिया। 11 करोड़ पचास लाख रुपये प्राक्कलित राशि की इस योजना के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास दो दिसंबर 2018 को माणिकपुर गांव आकर किया। इसमें दस करोड़ रुपये की लागत से नहर की मरम्मत एवं डेढ़ करोड़ रुपये से हैबतगंज में मोटर एवं पंप लगाने का कार्य किया जाना था। नहर मरम्मत कार्य का टेंडर होने के बाद संवेदक ने इस पर काम शुरू किया। दावा है कि हैबतगंज से सलेमपुर तक नौ किलोमीटर लंबी नहर में से सात किलोमीटर तक एवं दोनों शाखा नहर की मरम्मत का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। जबकि दो किलोमीटर मुख्य नहर एवं नहर के कुआं की मरम्मत का कार्य शेष है। विधानसभा चुनाव के दौरान सूर्यगढ़ा प्रखंड के किसानों के लिए सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना को अविलंब चालू कराने की मांग बड़ा मुद्दा होगा।

नहर मरम्मत की हुई है खानापूरी

क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहर मरम्मत के नाम पर खानापूरी की गई है। नहर के किनारे गड्ढे में मिट्टी डाली गई है परंतु उसे दबाया नहीं गया है। इससे बरसात में अधिकांश जगहों पर मिट्टी कट गया है। नहर के अंदर की दीवार का प्लास्टर टूटने लगे हैं। नहर के केनाल की सही से मरम्मत नहीं किए जाने के कारण उसमें पुन: पौधे एवं घास उग आए हैं। इससे नहर में पानी आने के बाद उसके क्षतिग्रस्त होने की आशंका है।

योजना के तहत एक मुख्य नहर व दो शाखा नहर सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना अंतर्गत एक मुख्य नहर एवं दो शाखा नहर है। मुख्य नहर की लंबाई हैबतगंज से सलेमपुर तक नौ किलोमीटर है। जबकि रामू बाबा स्थान वितरणी शाखा नहर की लंबाई पहाड़पुर से माणिकपुर तक आठ किलोमीटर एवं माणिकपुर वितरणी शाखा नहर की लंबाई अवगिल से माणिकपुर तक चार किलोमीटर है। मोटर एवं पंप कार्य नहीं हुआ है शुरू हैबतगंज स्थित बार्ज में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना का मोटर एवं पंप लगाया जाना है। इसको लेकर अब तक तीन बार टेंडर निकाला गया परंतु तीनों ही बार एक व्यक्ति के टेंडर डालने के कारण रद कर दिया गया। थकहार कर विभाग द्वारा नहर मरम्मत कार्य के संवेदक को ही मोटर एवं पंप लगाने का कार्य दिया गया है। अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया है।

वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने किया था उद्घाटन 16 अप्रैल 1994 को तत्कालीन जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह एवं जल संसाधन राज्य मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की उपस्थिति में महत्वाकांक्षी गंगा पंप नहर योजना को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने जनता को समर्पित किया था। 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों के खेतों तक उक्त नहर से एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा। हरियाणा की तर्ज पर निर्माण किए गए उक्त नहर से सूर्यगढ़ा के किसानों के खेतों तक सालों भर पानी देने के वादे व क्षेत्र के किसानों के द्वारा संजोए सपना धरे-के-धरे रह गए। वर्ष 2010-11 में उक्त नहर की मरम्मत के नाम पर 22 लाख रुपये खर्च किए गए थे। कोट

नौ किलोमीटर में से सात किलोमीटर मुख्य नहर एवं दोनों शाखा नहर की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मोटर एवं पंप का कार्य भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। नहर की मरम्मत कार्य का निरीक्षण कर अनियमितता पाए जाने की स्थिति में उसमें सुधार कराया जाएगा।

भोला सिंह, सहायक अभियंता, गंगा पंप नहर योजना

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