लॉकडाउन में जरूरतमंदों को मिला सहारा, सुबह-शाम मिल रहा भरपेट भोजन

लखीसराय। लॉकडाउन के दौरान नगर परिषद क्षेत्र में रह रहे या फिर बाहर से आए जरूरतमंद म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 06:11 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 06:11 PM (IST)
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को मिला सहारा, सुबह-शाम मिल रहा भरपेट भोजन
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को मिला सहारा, सुबह-शाम मिल रहा भरपेट भोजन

लखीसराय। लॉकडाउन के दौरान नगर परिषद क्षेत्र में रह रहे या फिर बाहर से आए जरूरतमंद मुसाफिर के लिए अच्छी खबर है। उन्हें अब अपनी भूख मिटाने की चिता नहीं करनी है। जिला प्रशासन ने ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए सामुदायिक किचन शुरू किया है। लखीसराय स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर किऊल नदी के पथला घाट स्थित रैन बसेरा में इस किचन का संचालन शुरू किया गया है। इसकी निगरानी जिला आपदा प्रबंधन कर रही है। जिला प्रशासन ने मिश्रा टेंट पटना को किचन चलाने की जिम्मेदारी दी है। यहां सुबह-शाम जरूरतमंद लोग मुफ्त भोजन कर सकते हैं। फिलहाल 80 से 100 लोग अभी प्रत्येक दिन भोजन कर रहे हैं। ---

क्या है सामुदायिक किचन का मेनू

सामुदायिक किचन में आने वाले जरूरतमंद लोगों को चावल, चने की दाल, सलाद के साथ कोई भी हरी सब्जी दी जा रही है। खाद्यान्न और हरी सब्जी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाता है। अंचल कार्यालय लखीसराय के राजस्व कर्मचारी जय कुमार किचन में सभी सामान उपलब्ध करा रहे हैं। इसके बाद मिश्रा टेंट के महिला-पुरुष रसोइया खाना तैयार करते हैं। ----

सुबह-शाम है भोजन की व्यवस्था

सामुदायिक किचन की देखभाल कर रहे कुंदन कुमार ने बताया कि तीन महिला और तीन पुरुष रसोईया की देखरेख में भोजन तैयार होता है। प्रत्येक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम में 05:30 बजे से 08:00 बजे तक भोजन कराया जाता है। भोजन कराने के लिए आठ प्लास्टिक टेबल लगाया गया है। प्रत्येक टेबल पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तीन लोगों को बैठाया जाता है। एक समय में 80 से 90 लोग खाना खाने आ रहे हैं। शुक्रवार को दिन में 94 लोगों ने खाना खाया। ---

कोट

लॉकडाउन के दौरान सामुदायिक किचन में जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण भोजन कराया जा रहा है। प्रत्येक दिन हरी सब्जी बदलकर दी जा रही है। शहरी क्षेत्र अंतर्गत कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे इसके लिए लॉक डाउन 15 मई तक लगातार मुफ्त भोजन कराने की व्यवस्था कराई गई है। अभी 80 से 100 लोग प्रत्येक दिन भोजन कर रहे हैं। राकेश कुमार, प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन

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