गर्भनिरोधक के प्रति अब भी लापरवाह हैं आधी आबादी

लखीसराय । परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। गर्भनिर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 07:11 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 07:11 PM (IST)
गर्भनिरोधक के प्रति अब भी लापरवाह हैं आधी आबादी
गर्भनिरोधक के प्रति अब भी लापरवाह हैं आधी आबादी

लखीसराय । परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। गर्भनिरोधक उपायों पर सरकार द्वारा व्यापक खर्च भी किया जा रहा है। विभिन्न अस्पतालों में ओरल पिल्स, इमरजेंसी पिल्स, कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, आइसीयूडी, पीपीआइयूसीडी, नसबंदी एवं बंध्याकरण की मुफ्त व्यवस्था उपलब्ध है। इसके लिए लाभार्थी एवं प्रेरक को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। बावजूद जिले में परिवार नियोजन का लक्ष्य प्राप्त करना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चालू वर्ष के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य 6,115 के विरुद्ध आठ माह में मात्र 1,459 परिवार नियोजन हुआ है। इसके अलावा परिवार नियोजन को बढ़ावा देने लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर चौक-चौराहों पर हम दो हमारे दो एवं छोटा परिवार सुखी परिवार का स्लोगन लिखा गया है। समय-समय पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाती है। बावजूद जिले के लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। यही कारण है कि जिले की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 10 लाख 912 है। इसमें पांच लाख 26 हजार 721 पुरुष एवं चार लाख 74 हजार 191 महिला शामिल है। हर वर्ष की भांति विश्व गर्भनिरोधक दिवस के अवसर पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सिविल सर्जन को गर्भनिरोधक के उपाय से प्रत्येक व्यक्ति को अवगत कराते हुए उसका उपयोग करने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया।

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गर्भनिरोधक व उसके उपयोग करने की विधि

ओरल पिल्स - ओरल पिल्स के तहत दो तरह की दवा आती है। गर्भनिरोधक की इच्छुक महिलाओं को मालायन टेबलेट का प्रतिदिन सेवन करना है। जबकि छाया टेबलेट का सप्ताह में एक दिन सेवन करना है।

इमरजेंसी पिल्स - गर्भधारण की आशंका होने के 72 घंटे के भीतर इमरजेंसी पिल्स टेबलेट का सेवन महिलाओं को करना है।

अंतरा इंजेक्शन - गर्भ निरोधक की इच्छुक महिलाओं को प्रत्येक तीन माह पर अंतरा इंजेक्शन लेना है।

आइयूसीडी - प्रसव के डेढ़ माह के बाद महिलाओं को लगवाना है। पीपीआइयूसीडी-380 दस वर्ष के लिए एवं कॉपर टी-375 पांच वर्ष के लिए लगा या जाता है। पीपीआइयूसीडी प्रसव के दस मिनट से 24 घंटे के भीतर महिलाओं को लगाया जाता है। इसके अलावा महिलाओं का बंध्याकरण एवं पुरुषों की नसबंदी की जाती है।

सरकार देती है प्रोत्साहन राशि

प्रसव के सात दिन के भीतर बंध्याकरण कराने वाली महिला को - 3,000 रुपये

प्रेरक को - 400 रुपये

सामान्य स्थिति में बंध्याकरण कराने वाली महिला को - 2,000 रुपये

प्रेरक को - 300 रुपये

नसबंदी कराने वाले पुरुष को - 3,000 रुपये

प्रेरक को - 400 रुपये

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कोट

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सहित सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार एवं शुक्रवार को गर्भनिरोधक दिवस का आयोजन करना है। इसमें महिलाओं को गर्भनिरोधक के उपायों की जानकारी देकर उन्हें प्रेरित करना है।

डॉ. आत्मानंद कुमार, सिविल सर्जन, लखीसराय

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