कोरोना भयावह है नहीं, इसे इस रूप में दिखाया गया
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने गांव के भी लोगों को भयभीत कर रखा है। जितना भयावह यह है नहीं उससे अधिक इसे प्रचारित और प्रसारित करके दिखाया गया है।
लखीसराय। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने गांव के भी लोगों को भयभीत कर रखा है। जितना भयावह यह है नहीं उससे अधिक इसे प्रचारित और प्रसारित करके दिखाया गया है। यह सिर्फ वायरल है। लोग कोरोना से नहीं इसके डर से मर रहे हैं। यह अलग बात है कि स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी का इलाज नहीं खोज पाया है। लेकिन, लक्षण आधारित दवा के बल पर लोग ठीक हो रहे हैं। वर्षों पूर्व तो स्थित और बुरी थी। इस कोरोना काल में गांव में बुजुर्गों के अनुभव भी लोगों के काम आ रहे हैं। खावा निवासी 77 वर्षीय पेशे से ग्रामीण चिकित्सक पुरेंद्र मिश्र उर्फ मन्ना बाबा ने कोरोना महामारी को लेकर अपनी बातें साझा की है। बताया कि उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी बीमारी को महामारी का रूप लेते देखा है। पहले के समय में हैजा, प्लेग, चेचक, पोलियो जैसी गंभीर बीमारी को देखा है। पहले भी लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता था। कोरोना महामारी के दौर में भी लोग भगवान भरोसे ही जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे समय में सरकार दो गज दूरी मास्क है जरूरी का नारा देकर एवं लॉकडाउन के माध्यम से महामारी रोकने में सफल रही। वहीं संक्रमण का इलाज कर पाने में विफल साबित हुई। इससे लोगों में नकारात्मक संदेश गया और लोगों में डर घर कर गया। इससे लोगों की अधिक जान गई। पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं दिए जाने और संक्रमित व्यक्ति से ही संक्रमण फैलने के खतरे से लोगों में भय का माहौल बन गया जो घातक साबित हुआ। पुरेंद्र मिश्र ने कहा कि वास्तविक में कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। कोरोना से डटकर मुकाबला करना चाहिए। वायरल बुखार को ही कोरोना का नाम देकर लोगों को भयभीत किया गया। पहले भी ऐसी वायरल बुखार लोगों को आती थी। इलाज और गर्म पानी, तुलसी का काढा एवं कई तरह के घरेलू नुस्खे से ठीक किया जाता रहा है। वायरल बुखार में पहले भी लोगों में सांस लेने में तकलीफ, कफ का जमना जैसे लक्षण पाए जाते थे। उसे इलाज के जरिए ठीक किया जाता था लेकिन वर्तमान समय में इंटरनेट मीडिया और प्रचार तंत्र का सहारा लेकर कोरोना की भयावह तश्वीर पेश की गई। इससे लोगों में डर का माहौल कायम हो गया। कोरोना से कम इसके नाम के डर से हार्टअटैक करके ज्यादा मौतें हुई। ऐसे में जरूरत है कि लोग हौसले बुलंद रखें और कोरोना का डटकर मुकाबला करें।