आयुर्वेद से कोरोना को दे सकते हैं मात : डॉ. एसके गुप्ता
लखीसराय । वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए मेडिकल साइंस के साथ-साथ हमें देसी नुस्खे क
लखीसराय । वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए मेडिकल साइंस के साथ-साथ हमें देसी नुस्खे का भी प्रयोग करना चाहिए। हमारी देसी पद्धति में व्यायाम, योग एवं आयुर्वेद शामिल है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन और भारत एवं बिहार सरकार के दिशा निर्देश का पालन करें। शारीरिक दूरी का पालन करें एवं मासक का इस्तेमाल करें। कोरोना से मुकाबला करने में सकारात्मक सोच का होना भी जरूरी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़हिया में पदस्थापित आयुष चिकित्सक एसके गुप्ता ने ये बातें दैनिक जागरण प्रतिनिधि से साझा की है। उन्होंने कहा कि गिलोय, नींबू ,संतरा,अश्वगंधा, दालचीनी, मुलेठी का काढ़ा आवश्यकतानुसार सेवन करें। सफाई पर विशेष ध्यान दें। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर जैसे बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, गले में खराश, सांस से संबंधित कोई समस्या होने पर तुरंत नजदीकी के किसी भी अस्पताल में जांच कराएं। सरकार द्वारा आदेशित गाइडलाइन का पालन करें। सकारात्मक सोच ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इसके लिए अपनी पसंद की पुस्तकें पढते रहें। होम आइसोलेशन में रहते हुए इंडोर गेम खेलें। इस महामारी में फेफड़ों में संक्रमण फैल जाता है। सांस नली प्रभावित न हो इसके लिए गर्म सादे पानी भाप लें। या फिर पानी में संतरे या नींबू का छिलका, लहसुन, लेमनग्रास, अदरक, नीम की पत्ती डालकर भाप लें। इससे खांसी एवं बंद नाक में बहुत राहत मिलती है। यह क्रिया जमे हुए कफ को पिघला देता है। भाप से सांस नलिका में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। नाक और गले में जमा गाढ़ा कफ (म्यूकस) को पतला कर देता है। इस प्रक्रिया से पर्याप्त ऑक्सीजन फेफड़ों में तक पहुंचने लगता है जिससे हम स्वस्थ रहते हैं। इस दौरान आयुर्वेदिक अणु तेल का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, क्योंकि इसे नाक में डालने से सांस के जरिए शरीर में पहुंचने वाले विषाणु इसके संपर्क में आकर समाप्त हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। यह तेल आयुर्वेद की दुकानों पर मिल जाती है। सुबह शाम रोज पांच मिनट भाप लेने से वायरस को खत्म किया जा सकता ह।