गांव में बह रही चुनावी बयार, समर्थन मांग कर रहे विकास का वादा

लखीसराय। जिले में पंचायत चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। ग्रामीण अंचलों में चुनावी बय

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:10 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:10 PM (IST)
गांव में बह रही चुनावी बयार, समर्थन मांग कर रहे विकास का वादा
गांव में बह रही चुनावी बयार, समर्थन मांग कर रहे विकास का वादा

लखीसराय। जिले में पंचायत चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। ग्रामीण अंचलों में चुनावी बयार से गांव इन दिनों गुलजार हो गया है। हर गांव में संभावित प्रत्याशी घूम-घूम कर ग्रामीणों से अपना समर्थन मांग रहे हैं। गांव का विकास करने का वादा भी कर रहे हैं। पांच साल तक पंचायत की कमान संभालने वाले निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों में से लगभग 95 फीसद फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं। जिले में आई भीषण बाढ़ से राहत मिलने के बाद अब पंचायत चुनाव की लड़ाई के लिए मैदान पूरी तरह सज चुका है। संभावित अभ्यर्थियों द्वारा समर्थकों की मांग के अनुसार ग्रामीण अंचलों में इन दिनों पार्टी खूब चल रही है जिससे गांवों में चुनावी रंग चढ़ने लगा है। ---

हलसी प्रखंड क्षेत्र में तेज हुई चुनावी सरगर्मी

जिले के हलसी प्रखंड की 10 पंचायतों में होने वाले चुनाव के लिए गुरुवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस प्रखंड में मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, पंच के अलावा जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या 11 के लिए संभावित प्रत्याशियों ने नामांकन की तैयारी कर ली है। हर प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ निर्वाचन क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आयोग के निर्देशानुसार आचार संहिता लागू हो गई लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी माहौल देखकर ऐसा लग नहीं रहा है कि कोई पाबंदी लगी हुई है। हलसी प्रखंड की पंचायतों में वार्ड सदस्य बनने के लिए भी मारामारी हो रही है। 250 से अधिक अभ्यर्थियों ने सिर्फ वार्ड सदस्य के लिए नाजिर रसीद कटाया है। ----

गांव के दालान पर सजने लगी है चुनावी चौपाल

कुछ दिन पहले तक जिले में आई भीषण बाढ़ की हर तरफ चर्चा हो रही थी। बाढ़ का पानी निकलने के बाद सबकुछ बदल गया है। अब ग्रामीण अंचलों में सिर्फ पंचायत चुनाव की चर्चा हो रही है। हर गांव, हर टोले में चुनावी चौपाल सजने लगी है। ग्रामीण चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशित और पांच साल सत्ता में रहे प्रतिनिधियों का आकलन कर ने में जुटे हैं। गांव का कोई ऐसा घर नहीं है जहां प्रत्याशी दस्तक देकर हाथ जोड़कर समर्थन मांग रहे हैं। आने वाले दिनों में गांव की राजनीति और उफान पर होगी।

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