बिहार के लखीसराय में मिला बौद्ध विहार का बड़ा साधना केंद्र, देश-विदेश से आते थे भिक्षु

बिहार के लखीसराय स्थित लाली पहाड़ी की खोदाई में एक बौद्ध साधना केंद्र मिला है। माना जा रहा है कि लाल पहाड़ी पर बड़ा बौद्ध केंद्र था, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु व भिक्षु आते थे।

By Edited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 10:56 PM (IST)
बिहार के लखीसराय में मिला बौद्ध विहार का बड़ा साधना केंद्र, देश-विदेश से आते थे भिक्षु
बिहार के लखीसराय में मिला बौद्ध विहार का बड़ा साधना केंद्र, देश-विदेश से आते थे भिक्षु
style="text-align: justify;">लखीसराय [जेएनएन]। बिहार के लखीसराय में बुद्धकालीन अवशेषों के मिलने का सिलसिला जारी है। माना जा रहा है कि यह शहर प्राचरन काल में बौद्ध धर्म का बड़ा केंद्र था, जहां विदेशों से भी श्रद्धाुल आते थे। शहर के जयनगर स्थित लाली पहाड़ी की खोदाई के दौरान एक और साधना केंद्र के रूप में इस्तेमाल होने वाला प्लेटफार्म मिला है।
जानकारी के अनुसार लाली पहाड़ी के पूर्व-दक्षिणी छोर पर यह प्लेटफार्म मिला है। अब तक पहाड़ी पर मिले बौद्ध विहार में यह तीसरा प्लेटफार्म है। प्‍लेटफॉर्म के साथ सीढ़ी बनी हुई है और ऊपर समतल है। माना जा रहा है कि बौद्ध भिक्षु इसका इस्तेमाल साधना केंद्र एवं पूजा स्थल के रूप में करते होंगे।
खोदाई का नेतृत्व कर रहे विश्वभारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन के प्राध्यापक प्रो. अनिल कुमार ¨सह ने बताया कि विक्रमशिला बौद्ध विहार की तरह यहां भी चोरो कोने में साधना केंद्र होने की उम्मीद अब ठोस हो गई है। इससे पहले की खोदाई में भगवान बुद्ध की टेराकोटा की दो मूर्तियां, हजारों दीप, मृदभांड, वोटिव स्तूप, वॉच टॉवर आदि मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि खोदाई कार्य पूरी सावधानी से किया जा रहा है ताकि अवशेष को सुरक्षित निकाला जा सकें। गर्मी के कारण अब सुबह में खोदाई की जा रही है।
 
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