मिट्टी जांच कराना खेती के लिए होता लाभदायक

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित ई-किसान भवन में शिविर में रविवार को किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 11:11 PM (IST)
मिट्टी जांच कराना खेती के लिए होता लाभदायक
मिट्टी जांच कराना खेती के लिए होता लाभदायक

संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज): विश्व मृदा दिवस के अवसर पर प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित ई-किसान भवन में शिविर में रविवार को किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। इस मौके पर शिविर में आए प्रखंड के तीन राजस्व ग्राम गोथरा के 36, पटेशरी के 30 एवं भोगडाबर के 20 कृषकों के बीच मृदा कार्ड दिए गए। उक्त बातों की जानकारी देते प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रखंड में विभाग के द्वारा तीन हजार किसानों के खेतों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इस वर्ष अब तक 150 किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। विश्व मृदा दिवस के अवसर पर शिविर के माध्यम से 86 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किए गए हैं।

शिविर में अनुपस्थित 64 कृषकों को कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार के माध्यम से सोमवार तक डोर टू डोर मृदा स्वास्थ्य कार्ड दे दिए जाएंगे। शिविर में मौजूद कृषकों को संबोधित करते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि और असंतुलित उर्वरकों का प्रयोग फसल सघनीकरण, जनसंख्या का दबाव, बढ़ते प्रदूषण एवं अनुपयुक्त कृषि क्रियाओं के कारण मिट्टी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मानव स्मृति एवं मानव सभ्यता के अस्तित्व तथा पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मिट्टी की महत्ता की ओर ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के द्वारा निर्देश पर विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया है। दीर्घकाल तक अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखा जाए। समय-समय पर मिट्टी की जांच कराई जाए तथा जांच के अनुसार फसल के लिए जैविक एवं रसायनिक उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा का उपयोग किया जाए। अनुशंसित उर्वरकों के उपयोग से फसलों को संतुलित पोषण मिलता है। मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहता है। खेती की लागत में कमी आती है तथा फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है। जिससे किसानों की आय बढ़ोतरी होती हैं। वहीं इस दौरान किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार किसानों को रासायनिक उर्वरक के कम उपयोग एवं जैविक उत्पाद के उपयोग हेतु प्रोत्साहित की गई। संतुलित उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी गई। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर अनुशंसित मात्रा में युवकों के प्रयोग के लिए किसानों को जागरूक किया गया। इस मौके पर कृषि समन्वयक सत्येंद्र कुमार, कौशल किशोर, जटाधर सिंह तथा किसान सलाहकार जुल्फिकार आलम, हेमंत गणेश, असरारुल हक, गुंजन कुमारी, इफ्तेखार आलम, हरि साहा आदि सहित बड़ी संख्या में प्रखंड के कृषक मौजूद थे।

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