प्रोजेक्ट कन्या उवि ने मनाई डा. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती

नगर स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच विद्यालय ठाकुरगंज के प्रांगण में शुक्रवार को भारतरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:56 PM (IST)
प्रोजेक्ट कन्या उवि ने मनाई डा. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती
प्रोजेक्ट कन्या उवि ने मनाई डा. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती

संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज): नगर स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय ठाकुरगंज के प्रांगण में शुक्रवार को भारतरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की 137वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने डा. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद इन स्वतंत्रता सेनानियों में अग्रगण्य थे, जो गांधीजी जी की नीतियों, नेतृत्व और अहिसा आंदोलनों में विश्वास रखते थे। गांधी जी ने अपने तीन सहयोगियों को राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा था। एक जवाहरलाल नेहरू जो युवा जोश का प्रतिनिधित्व करते थे, दूसरे सरदार पटेल जो लौह ²ढ़ता वाले व्यावहारिक नेता थे और तीसरे डा. राजेंद्र प्रसाद जिनमें गांधीजी को अपनी छवि दिखाई देती थी। सहज व सरल स्वभाव के धनी डा. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्रता संग्राम के मौन मार्गदर्शक थे। सन् 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हें भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया। यह उस भूमिपुत्र के लिए कृतज्ञता का प्रतीक था जिसने अपनी आत्मा की आवाज सुनकर आधी शताब्दी तक अपनी मातृभूमि की सेवा की थी। वास्तव में उन्होंने सहिष्णुता की भावना को आत्मसात किया था और हर धर्म हर विचारधारा के प्रति सम्मान जाहिर किया था। हमें भी उनके पदचिह्नों पर चल राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान करना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक महफूज जावेद ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद अपने जीवन के आखिरी महीने बिताने के लिए उन्होंने पटना के निकट सदाकत आश्रम चुना। यहां पर 28 फरवरी 1963 में उनके जीवन की कहानी समाप्त हुई। हम सभी को इन पर गर्व है और ये सदा राष्ट्र को प्रेरणा देते रहेंगे। इस अवसर पर मधु श्रद्धा, अजय कुमार, सुनील कुमार, पूर्णिमा कुमारी, कृष्णा विश्वास, देवानंद झा, छविरानी दास सहित विद्यालय की छात्राएं मौजूद थीं।

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