80 साल से होती आ रही है डुमरिया बारोबारी मां दुर्गा की पूजा

किशनगंज। जिले में कई जगहों पर दुर्गा पूजा को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण करवाया जा रहा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 11:25 PM (IST)
80 साल से होती आ रही है डुमरिया बारोबारी मां दुर्गा की पूजा
80 साल से होती आ रही है डुमरिया बारोबारी मां दुर्गा की पूजा

किशनगंज। जिले में कई जगहों पर दुर्गा पूजा को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण करवाया जा रहा है। कई मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा का इतिहास भी पुराना रहा है। उन्हीं में से एक मंदिर डुमरिया बारोबारी मां दुर्गा मंदिर का इतिहास भी 80 वर्ष पुराना है। स्वर्गीय सुशीला बाला और उनके पति स्वर्गीय हिरेन्द्र नाथ सिंह ने बांस बल्ले से बनी मंदिर में मां शीलता देवी की पूजा आरंभ की थी। जिसके बाद समय के साथ ही मां के कई स्वरूपों के साथ मां दुर्गा की पूजा प्रारंभ हो गयी।

डुमरिया निवासी शरदा बिहारी प्रसाद ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय रघुनाथ प्रसाद ने मंदिर निर्माण के लिए 1941 में जमीन दान देकर बांस बल्ले से मंदिर का निर्माण करवाया था। समय के साथ ही सामाजिक सहयोग से पूजा की भव्यता बढ़ती चली गयी। वहीं आज युवा पीढ़ी पूजा का दायित्व उठाते है। पूजा कमेटी के सदस्य राजा सिंह ने बताया कि चार वर्ष पूर्व पूजा कमेटी का गठन किया गया था। पिछले साल अर्धनिर्मित मंदिर में को पूरी तरह से तोड़कर समाज के हर वर्ग के लोगों के सहयोग से मंदिर का नव निर्मिण करवाया गया है। इस बार पूजा को लेकर बंगाल के शांतिनगर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जा रही है। जिसे मंदिर के ही पुरोहित परितोष मुखर्जी के मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा का स्थापित किया जाऐगा। बंगाली रंग रूप में मां दुर्गा की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनती है। वहीं नवमी पूजा को महाप्रसाद का वितरण के साथ ही दसवीं को मां को नम आंखों के साथ विदाई दी जाती है।

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