बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में जुटे हैं पंकज

किशनगंज। समाज के दलित, शोषित और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के जो बच्चे पढ़ाई लिखाई छोड़कर काम में लग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Aug 2021 09:29 PM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 09:29 PM (IST)
बच्चों को समाज की मुख्यधारा 
से जोड़ने में जुटे हैं पंकज
बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में जुटे हैं पंकज

किशनगंज। समाज के दलित, शोषित और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के जो बच्चे पढ़ाई लिखाई छोड़कर काम में लग जाते हैं। वैसे बच्चों की तलाश कर उन्हें मालिकों के चंगुल से छुड़ाकर सर्वप्रथम उन्हें सहारा देते हैं। इसके बाद बच्चों के अंदर आत्मविश्वास के साथ जीवन में कुछ करने के प्रति प्रेरित भी किया जाता है। इस कार्य में पंकज कुमार झा दिनरात लगे हुए हैं।

उनका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 में देश के सभी नागरिकों को शोषण के विरुद्ध अधिकार दिए गए हैं। इसे एक मौलिक अधिकार भी माना गया है। सीमावर्ती क्षेत्र में दलित, शोषित और आर्थिक रुप से कमजोर परिवार के बच्चों से काम करवाया जाता है। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के सहयोग से उक्त स्थल पर छापामारी करवाकर बच्चों का रेस्क्यू किया जाता है। जिससे कि समाज से बाज मजदूरी को समाप्त किया जा सके। काम के बहाने बच्चों का बहला-फुसलाकर ले जाने वाले लोगों के गिरफ्तारी के लिए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सहित कई स्थानों पर नजर रखे जाते हैं। अब तक 30 से अधिक रेस्क्यू कर बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया है। समय पर सूचना मिलने पर 21 बाल विवाह रोके गए। साथ ही अब तक 18 लोगों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाए जा चुके हैं।

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