सीएए व एनआरसी के बहाने भाजपा छोड़ विपक्षी दलों के साथ जदयू
किशनगंज। किशनगंज नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी को लेकर विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा र
किशनगंज। किशनगंज : नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी को लेकर विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का असर सीमांचल में एनडीए गठबंधन की राजनीति पर भी पड़ा है। जहां केंद्र के साथ लोकसभा व राज्यसभा में जदयू कदमताल करती दिखी, वहीं किशनगंज के दोनों जदयू विधायक लगातार सीएए व एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। जदयू विधायक मुजाहिद आलम और नौशाद आलम न सिर्फ कांग्रेस, एआइएमआइएम व अन्य पार्टियों के साथ बैठकों में भाग ले रहे हैं बल्कि खुलकर यह कहते भी हैं कि वह इस मसले पर पार्टी नहीं आवाम के साथ हैं।
नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पास होते ही जहां विपक्षी दलों के द्वारा लगातार सड़कों पर आंदोलन शुरू किया गया है। वहीं भाजपा भी अब इसके समर्थन में रैली निकाल रही है। लेकिन एक बात तो सबसे खास है, वो ये कि भाजपा को छोड़कर सभी विपक्षी दल एक प्लेटफॉर्म पर नजर आ रहे हैं। चाहे एनडीए के प्रमुख घटक जदयू हो या फिर महागठबंधन के कांग्रेस-राजद। इसके अलावा पहले दिन से सीएए व एनआरसी को लेकर सड़क पर उतरी एआइएमआइएम भी आंदोलन को धार देने में जुटी है। विधानसभा चुनाव की आहट को देखते ही सभी दल इसी बहाने आवाम की नब्ज टटोलने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में किशनगंज में एक खास बात यह रही कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक तरफ जदूय सदन में भाजपा सरकार के साथ कदमताल कर रही थी तो अब सड़क पर आवाम के साथ किशनगंज के दोनों जदयू विधायक हैं।
कई मौकों पर कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम व ठाकुरगंज विधायक सह विधानसभा में पार्टी के सचेतक नौशाद आलम विरोध मार्च में शामिल हो चुके हैं। चाहे वो बहादुरगंज में आयोजित जनसभा हो या फिर जिला मुख्यालय स्थित मदरसा अंजुमन इस्लामिया परिसर में आयोजित सर्वदलीय बैठक व विरोध मार्च की बात हो। हर कदम पर आवाम के साथ होने की बात कहने वाले विधायक मुजाहिद 23 दिसंबर को भी कन्हैयाबाड़ी में आयोजित विरोध मार्च में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि हम आवाम के साथ हैं। साथ ही उन्होंने यह भी दुहराया कि राज्य सरकार बिहार में एनआरसी लागू नहीं करेगी। मैं और पार्टी के कई बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एनआरसी और सीएए के विरोध में अपना पक्ष रखा है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेकर इसे राज्य में लागू नहीं करने की घोषणा भी कर दिया है। वहीं विधायक द्वय यह भी बताते हैं कि सीएए और एनआरसी को लेकर सूबे में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस दोनों कानून से सर्वसाधारण लोगों को परेशानी होगी। सीएए कानून में कई त्रुटियां हैं। इन त्रुटियों को सुधार किए बिना इसे लागू करना जनहित में नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सूबे में एनआरसी को किसी भी हालत लागू नहीं होने देंगे। सीएम नीतीश कुमार के साथ सीएए और एनआरसी को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सूबे के लोगों को एनआरसी से डरने की कोई जरूरत नहीं है। सीएम नीतीश कुमार के रहते यह कानून राज्य में लागू नहीं होगा।