गेहूं की खेती छोड़ मक्के की ओर ध्यान दे रहे किसान
समय परिवर्तन के साथ किशनगंज जिला के किसान अब व्यवसायिक ²ष्टिकोण से खेती करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज): समय परिवर्तन के साथ किशनगंज जिला के किसान अब व्यवसायिक ²ष्टिकोण से खेती करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि कुछ सालों से यहां के किसान पहले के अपेक्षा पाट व गेहूं की पारंपरिक खेती कम कर मक्का की खेती पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। पीला सोना के नाम से प्रसिद्ध मक्का खेती करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधरने भी लगी है। जबकि कुछ साल पहले तक यहां के किसान धान की खेती के बाद व्यवसायिक रूप से पाट व कुछ हद तक गेहूं की खेती किया करते थे।
लागत के अनुपात पर आर्थिक लाभ नहीं होने के कारण किसानों की रुचि धीरे-धीरे पाट व गेहूं की खेती से घटने लगी। वहीं मक्का की खेती में अधिक मुनाफा देख यहां के किसान पहले के अपेक्षा अधिक खेती करने लगे हैं। प्रखंड क्षेत्र के किसान जाहिदुर रहमान, महबुब आलम, शैलेंद्र कुमार व अशोक मांझी का कहना है कि पहले जलावन की लालच में यहां के लोग पाट लगाया करते थे। परंतु आर्थिक लागत के साथ अन्य परेशानी को देखते हुए उस अनुपात में लोगो को फायदेमंद नहीं दिख रहा है। गेहूं की भी वही स्थिति है। इन परेशानियों को देखते हुए यहां के किसान मक्का की खेती पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। जिसमें अधिक मुनाफा दिख रहा है। मक्का खेती करने वाले किसान पहले के अपेक्षा आर्थिक रूप से अवश्य मजबूत भी हुए है। किसानों का कहना है कि यदि प्रखंड क्षेत्र के अंदर मक्का से जुड़े कोई उद्योग लग जाय तो निश्चित रूप से किसान के लिए अधिक हितकर होगा।