कटाव की जद में आए पंचायत का विधायक ने किया निरीक्षण

किशनगंज। प्रखंड के पश्चिमी व पूर्वी क्षेत्र में नदियों का जाल बिछा होने के कारण प्रति वर्ष बरसा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:25 PM (IST)
कटाव की जद में आए पंचायत का विधायक ने किया निरीक्षण
कटाव की जद में आए पंचायत का विधायक ने किया निरीक्षण

किशनगंज। प्रखंड के पश्चिमी व पूर्वी क्षेत्र में नदियों का जाल बिछा होने के कारण प्रति वर्ष बरसात के दिनों में लोगों को बाढ़ की त्रासदी झेलने पर मजबूर होना पड़ता है। इस कारण विस्थापित जिदगी जीने के साथ जान-माल की भी क्षति होते आया है। सड़क कटाव के कारण महीनों वाहनों की आवाजाही ठप हो जाती है। लोग किसी तरह नाव में सवार होकर जरूरी काम से इधर-उधर निकल पाते हैं। विधायक अंजार नईमी के क्षेत्र भ्रमण के क्रम में लौचा हाट पहुंचने पर बाढ़ की विभीषिका से अवगत होकर समय से पूर्व कटावरोधी कार्य कराने की मांग की।

ग्रामीणों ने वर्तमान समय हल्की बारिश में ही लौचा हाट से महेशबथना गांव को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क एवं डोरिया टोली गांव नदी कटाव के जद में आने की शिकायत कर उसका निरीक्षण करने व समुचित पहल करने की गुहार लगायी। विधायक ने ग्रामीणों की शिकायत पर स्थल का निरीक्षण करते हुए पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता को मोबाइल के जरिये बोल्डर क्रेटिग कार्य ध्वस्त होने की सूचना देकर मरम्मत करने का निर्देश दिए। वहीं मौके पर कार्यपालक पदाधिकारी ने विधायक को शीध्र स्थल का निरीक्षण कर कटावरोधी कार्य कराने की बात कही। मौके पर विधायक बताया कि बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से बहने वाली रतुआ, कनकई व खकुआ सहित विभिन्न नदियों से करीब 37 जगहों पर कटाव हो रहा है। उसे चिन्हित किया जा चुका है। उन जगहों पर प्रशासन के द्वारा बरसात के दिनों में प्रतिवर्ष कटावरोधी कार्य किया जाता है जो कारगर साबित नहीं हो रहा है। अधिक खर्च के बावजूद बरसात के दिनों बाढ़ के कारण कटाव रोधक कार्य सार्थक नहीं हो पाता है। इसके लिए बीते दिनों विधानसभा में आवाज उठाने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व संबंधित विभाग को बौचागडी, महेशबथना, लौचा सहित 37 चिन्हित जगहों की लिखित जानकारी दी जा चुकी है। इस मौके पर नजमुल हुदा, विधायक प्रतिनिधि गुलाम सरवर, जिला पार्षद प्रतिनिधि इमरान आलम, समाजसेवी अथर ईमाम, डॉ हसन ईमाम, जकी ईमाम, वार्ड सदस्य मिस्टर आलम, सिकदर आलम, मो शाहफत, सबा जफर, संजम आलम, अरशद आलम, सुबहान आलम, शकील आलम, कैशर आलम, मकसूद रेजा सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

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