संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में जुटी हैं बांडी पदमा

किशनगंज। कोरोना काल में जहां अपने अपनों के साथ दूरी बनाने लगे हैं। वहीं सदर अस्पताल में तै

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:54 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:54 PM (IST)
संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में जुटी हैं बांडी पदमा
संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में जुटी हैं बांडी पदमा

किशनगंज। कोरोना काल में जहां अपने अपनों के साथ दूरी बनाने लगे हैं। वहीं सदर अस्पताल में तैनात ए ग्रेड नर्स बांडी पदमा अपने कर्तव्यों को बखूबी अंजाम देने में जुटी हैं। उनकी लगन और सेवा भाव से अब तक दर्जनों कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट गए हैं। अपनी सेवा भावना और समर्पण से उन्होंने अलग पहचान बनाई है। पदमा कहती हैं कि इलाज के बाद जब मरीज घर वापस लौटने लगते हैं तो मरीज और और उनके स्वजनों से आशीर्वाद पाकर जितनी खुशी होती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। लोगों के आशीर्वाद से वह खुद को धन्य महसूस करती हैं।

वे बताती हैं कि कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान खुद के भी संक्रमित होने का खतरा सदा मंडराता रहता है। लेकिन लोगों की दुआओं के सहारे वे बखूबी अपने कर्तव्यों को अंजाम दे रही हैं। खुद को सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव एहतियात बरतती हैं। मूलत: आंध्रप्रदेश के बीनूवरम, विजयवाड़ा निवासी पदमा के घर के ठीक बगल में ही कुष्ट रोगियों का अस्पताल है। जहां नर्सों को मरीजों का सेवा करते देख उसने भी मानवसेवा के लिए नर्स बनने की ठान ली। कड़ी मेहनत और लगन से उसने बीएससी नर्सिंग और हॉस्पिटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की और 2004 में नर्सिंग सेवा में आ गई।

हैदराबाद में सात वर्ष, दिल्ली एम्स में एक वर्ष सेवा देने के बाद वह मलेशिया चली गई। इस बीच उनकी शादी हो गई। पति के अररिया में पदस्थापित होने के कारण उन्हें भी बिहार आना पड़ा। लेकिन उन्होंने नर्सिंग सेवा से किनारा नहीं किया। कटिहार मेडिकल कॉलेज में छह माह सेवा देने के बाद उन्होंने किशनगंज सदर अस्पताल में योगदान दिया। तब से लेकर आज तक उन्होंने सदर अस्पताल को ही अपना दूसरा घर मान लिया और मरीजों की सेवा में जुट गई। पदमा कहती हैं कि मानव सेवा से बढ़कर कोई दूसरा धर्म नहीं है। मरीजों की देखभाल में ही समय ऐसे गुजर जाता है कि परिवार का ख्याल तक नहीं रहता है। संक्रमण के इस दौर में अपनी और अपने परिवार की रक्षा करना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन यह चुनौती उन्हें स्वीकार है। पदमा कहती हैं कि सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन कर ही कोरोना से बचा जा सकता है। इसलिए घर में रहें सुरक्षित रहें। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर शारीरिक दूरी का पालन अवश्य करें। इसके साथ ही वैक्सीन लेना नहीं भूलें।

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