गेहूं खरीदारी को लेकर पैक्स में नहीं दिखी कोई तैयारी

किशनगंज। राज्य सरकार के निर्देश पर मंगलवार से सरकारी समर्थित मूल्य पर गेहूं खरीदारी कर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:08 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 08:08 PM (IST)
गेहूं खरीदारी को लेकर पैक्स में नहीं दिखी कोई तैयारी
गेहूं खरीदारी को लेकर पैक्स में नहीं दिखी कोई तैयारी

किशनगंज। राज्य सरकार के निर्देश पर मंगलवार से सरकारी समर्थित मूल्य पर गेहूं खरीदारी करने की सारी तैयारी पूरी करने का भले दावा किया जा रहा है परंतु जमीनी स्तर पर स्थिति इसके उलट है। प्रखंडों में कौन-कौन से पैक्स में खरीदारी की जानी है इसकी जानकारी भी किसानों को नहीं है। जागरुकता के अभाव में किसान सरकारी मूल्य पर गेहूं की बिक्री को लेकर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं। सरकार द्वारा 1975 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया गया है। हालांकि अधिकांश पैक्स पर इसकी तैयारी न के बराबर है।

मंगलवार से शुरू हो रहे गेहूं की खरीदारी को लेकर जहां किसानों की भीड़ भाड़ होनी चाहिए थी वहां पैक्स में ताला लटकता नजर आया। प्रचार प्रसार के अभाव में किसान भी सरकार द्वारा पैक्स एवं व्यापार मंडल द्वारा खरीददारी किए जाने की जानकारी नहीं होने की बात कही। फलस्वरूप आज भी किसान सस्ते दर पर ओने पौने दर पर खुले बाजार में गेहूं बेचने की बात कही।

इस बाबत किसान मो. बजरूल रहमान ने बताया कि अभी तक पैक्स के जरिये गेहूं की खरीदारी को लेकर हम किसानों को कोई जानकारी नहीं है। रही बात गेहूं बेचने की तो मुझ जैसे छोटे किसान जरूरत के अनुसार खुले बाजार में बेचने को मजबूर हैं। खाता के जरिये भुगतान को लेकर हो रही परेशानी से कहीं बेहतर है खुले मार्केट में बेचना।

किसान मो नाजीर आलम का कहना है कि सरकार ने समर्थित मूल्य 1975 निर्धारित किया है। किसानों को इस का लाभ लेना चाहिए। लेकिन सबसे जरूरी है इसका प्रचार प्रसार करना। ताकि किसानों को पता चल सके कि कौन-कौन से पैक्स या बाजार समिति में गेहूं खरीदारी की जा रही है।

किसान महबूब आलम ने पैक्स के माध्यम से खरीदारी नहीं होने की जानकारी देते हुए बताया कि किसान मेहनत से फसल उगाते हैं। परंतु सरकार किसानों के फसलों की खरीदारी को लेकर सुलभ तरीका नहीं अपनाती है। फलस्वरूप हम किसान जरूरत के अनुसार खुले बाजार में ही बेच देना उचित समझते हैं।

पूर्व उप मुखिया सह किसान मो. जुलफ्फेकार आलम का कहना है कि जिस प्रकार धान खरीददारी के समय रजिष्ट्रेशन या अन्य प्रक्रिया के कारण चंद किसान ही अपना धान पैक्स में बेच पाए। उसी तरह यदि क्विटल में वजन से अधिक देने के साथ लोडिग एवं अनलोडिग के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़े तो बेहतर है कि खुले बाजार में 1650-1700 प्रति क्विटल बेचना।

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कागजी प्रक्रिया पूरी कर पैक्स के जरिए गेहूं खरीदारी की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू कर दी जाएगी। ताकि किसान संबंधित पैक्स से संपर्क कर सरकार द्वारा समर्थित मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विटल पर गेहूं बेच सकें।

- राज कुमार, बीसीओ बहादुरगंज।

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