शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व स्वस्थ रहने के लिए नियमित करें योग
किशनगंज। योग सही मायने में जीने का विज्ञान है। इंसान को कोशिश करनी चाहिए कि अपने दैनिक
किशनगंज। योग सही मायने में जीने का विज्ञान है। इंसान को कोशिश करनी चाहिए कि अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन योग करें और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। खासकर कोरोना काल में योग बेहद जरूरी है। शरीर के रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने में यह मददगार होता है।
यह जानकारी देते हुए योग गुरू रविराज ने बताया कि योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। शारीरिक और मानसिक उपचार योग के सबसे अधिक ज्ञात लाभों में से एक है। योग अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया और पाचन विकार सहित कई अन्य बीमारियों में चिकित्सा के एक सफल विकल्प है।
उन्होंने बताया कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व स्वस्थ रहने के लिए योग नियमित रूप से करें। योगासन हमेशा ही मन को शांतिपूर्ण अवस्था में रखकर करना चाहिए। शांति और स्थिरता के विचार अपने मन में स्मरण करें और अपने विचारों को बाहरी दुनिया से दूर करते हुए स्वयं पर केंद्रित करें। योगासन कई प्रकार के होते हैं। इनमें अधेमुखश्रवानासन , अधोमुखवृक्षासन, आकर्ण धनुरासन, अन्नतासन, अर्धचंद्रासन, अष्टांग नमस्कार, अष्टवक्रासन, बालासन और भैरवासन सहित अनेक योगासन हैं। प्रत्येक व्यक्ति को योग अलग-अलग रूप में लाभ पहुंचाता है। इसलिए योग को अवश्य अपनाएं और अपनी मानसिक, भौतिक, आत्मिक और अध्यात्मिक सेहत में सुधार लाएं। अधेमुखश्रवानासन के कई फायदे हैं। इस योग के करने से व्यक्ति को सिरदर्द, अनिद्रा, पीठ दर्द और थकान से राहत मिलता है। पेट के अंगों को उत्तेजित करने के साथ पाचन में सुधार लाता है। मस्तिष्क को शांत रखता है। तनाव और हल्के अवसाद को भी दूर करने में मदद पहुंचाता है। हाई बीपी, अस्थमा, साइटिका और साइनस से रोग से भी निजात दिलाता है।