स्कूलों में शिक्षकों की कमी ऐसी कि नौनिहालों की पढ़ाई हो रही चौपट

जिला के सभी स्कूलों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 12:04 AM (IST)
स्कूलों में शिक्षकों की कमी ऐसी कि नौनिहालों की पढ़ाई हो रही चौपट
स्कूलों में शिक्षकों की कमी ऐसी कि नौनिहालों की पढ़ाई हो रही चौपट

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिला के सभी स्कूलों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। अब तो माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं। अभिभावक भी अब समझने लगे हैं कि जीवन में बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी है। जिला में 142 हाइस्कूल, 812 प्राथमिक विद्यालय, 475 मध्य विद्यालय और 350 से अधिक सरकारी और निजी मदरसा हैं। लेकिन अभी भी 30 फीसद स्कूलों में इंफ्रास्टक्चर की कमी है। जिस वजह से विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसका प्रतिकूल प्रभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर पड़ता दिख रहा है। डेमार्केट स्थित इंटर हाइस्कूल में सुबह 10 बजे तक छात्र पहुंच चुके थे। स्कूल में 35 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 28 शिक्षक निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच चुके थे। लेकिन सात शिक्षक अनुपस्थित रहे। पूछने पर बताया गया कि सात शिक्षक पंचायत चुनाव में डयूटी पर लगाए गए हैं। सुबह 9.30 बजे प्रार्थना शुरू हुई। सुबह 9.40 में गांधीवाचन शुरू किया गया। इसके बाद सुबह 10.00 बजे तक छात्रों को समाचार पत्र में छपे हेडलाइन सहित समाचार पढ़वाए गए। इसके उपरांत सुबह 10 बजे से वर्ग कक्ष में शिक्षक पाठ्यक्रम को पढ़ाने लगे। दोपहर 1.05 बजे तक वर्ग कक्ष चलते रहे। इसके बाद टिफिन हो गया।

दोपहर 11.35 बजे से दोपहर 3.55 बजे तक वर्ग कक्ष में पढ़ाई चलता रहा। छात्र पढ़ाई के बाद अंतिम घंटी में योगाभ्यास भी करते दिखे। नवम और दसवीं वर्ग के छात्रों से सामान्य ज्ञान सहित पाठ्यक्रम से संबंधित सवाल पूछे गए। साठ फीसदी छात्रों ने पूछे गए प्रश्नों का सही जवाब दिए। इनमें सूबे के सीएम का नाम, राज्यपाल का नाम, शिक्षा मंत्री का नाम और उपमुख्यमंत्री के नाम सहित कई अन्य मंत्रियों के नाम पूछे गए।

विज्ञान से संबंधित प्रश्नों में न्यूटन के सिद्धांत, डार्विन के सिद्धांत, उत्तल और अवतल दर्पण सहित प्रिज्म के सिद्धांत के बारे में पूछा गया। अंतिम घंटी में छात्रों ने योगाभ्यास किए। वहीं मेातीलाल बालिका विद्यालय में भवन निर्माण कार्य चल रहा है। इस वजह से बच्चों को दोपहर दो के बाद छुट्टी दे दी गई।

स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में वर्ग कक्ष के अनुरूप पाठ्यक्रम का ज्ञान नहीं मिल पाता है। इस वजह से प्रथम से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों में पाठ्यक्रम के ज्ञान के साथ सामान्य ज्ञान जीके की भी जानकारी में कमी पाई जाती है। 812 प्राथमिक स्कूल में तो दो से लेकर चार शिक्षक के भरोसे स्कूल का संचालन होता है। 475 मध्य विद्यालय में तो विषयवार शिक्षक ही नहीं हैं। वहीं 117 हाइस्कूल में शिक्षकों की कमी है। ऐसे में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिले। इसके अलावा 25 प्लस टू हाइस्कूल में नवम से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या भी धीरे-धीरे घटती जा रही है। धीरे-धीरे पुराने शिक्षक सेवा निवृत्त होते जा रहे हैं। लेकिन नए शिक्षकों की बहाली स्कूलों के जरूरत के अनुरूप नहीं हो रहे हैं।

शहरी क्षेत्र स्थित मोती लाल बालिका विद्यालय में तीन वर्षों के कठिन संघर्ष के बाद भवन निर्माण कार्य शुरू हो गया। आशा लता विद्यालय के भवन जर्जर हो चुके हैं। राजकीय कन्या विद्यालय के भवन की स्थिति भी ठीक नहीं है। हालांकि हाई स्कूलों में अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाए गए हैं। लेकिन विज्ञान शिक्षक की कमी के कारण प्रयोगशाला का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिले के 23 हाई स्कूलों में 10 लाख रुपये की लागत से जिम बनाए गए हैं। लेकिन 25 फीसद हाई स्कूल में शारीरिक शिक्षक की कमी के कारण जिम का उपयोग स्कूली छात्र-छात्राएं नहीं उठा पा रहे हैं।

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डीपीओ राशेश कुमार सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में जिले के 1,692 स्कूलों में मध्याह्न भोजन चल रहा है। अब एमडीएम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना हो चुका है। स्कूलों में पीएम पोषण योजना का संचालन कैशलेस किया जाएगा। अब सभी पीएम पोषण योजना से संबंधित सभी जानकारी स्कूल के प्रधान शिक्षक को पीएफएमएस वेबसाइट पर प्रतिदिन आनलाइन अपलोड करना होगा। इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक को 30 नवंबर से लेकर सात दिसंबर तक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही पीएम पोषण योजना से संबंधित सभी तथ्यों की बारीकी से जानकारी दी गई। फिलहाल स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना बंद है। मध्याह्न भोजन के रूप में बच्चों को चावल और राशि दिए जा रहे हैं। वर्ग प्रथम से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को प्रति विद्यार्थी 100 ग्राम चावल के साथ 4.97 रुपये और छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को प्रति विद्यार्थी 150 ग्राम चावल के साथ 7.45 रुपये मिल रहे हैं।

------ --- स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यालयवार शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए नियोजन प्रक्रिया जारी है। जिससे कि स्कूलों में नामांकित विद्यार्थियों की तुलना में शिक्षक बहाल हो सके। हालांकि प्लस टू हाइस्कूलों में इंटरमीडिएट के रिजल्ट बेहतर हो रहे हैं। पिछले वर्ष तीन विद्यार्थी वाणिज्य संकाय में राज्य स्तर पर दूसरा, तीसरा और पांचवां स्थान प्राप्त करने में सफल रहे थे।

- सुभाष कुमार गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी।

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