सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से मरीज हलकान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना के तीसरी लहर से निपटने के लिए बड़े-ब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 11:13 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 11:13 PM (IST)
सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से मरीज हलकान
सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से मरीज हलकान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना के तीसरी लहर से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन चिकित्सकों की घोर कमी के कारण सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सीएससी और पीएचसी खुद बीमार हो गए हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल आज विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है।

जिले की करीब 22 लाख की आबादी को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए फिलहाल सदर अस्पताल में 33 चिकित्सकों के स्थान पर मात्र 12 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। इनमें से तीन चिकित्सक के पास एमबीबीएस की डिग्री है। जबकि सदर अस्पताल के एकमात्र विशेषज्ञ सर्जन डा. अनवर हुसैन को डीएस की कमान सौंपे जाने के बाद आज सदर अस्पताल एक सर्जन की कमी से भी जूझ रहा है। नतीजतन सदर अस्पताल में मात्र मामूली रूप से बीमार मरीजों का ही इलाज किया जाता है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को तो हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। चिकित्सक के अभाव में सिर्फ नाम के लिए सदर अस्पताल रह गया है। जहां चिकित्सकों के अभाव में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खानापूर्ति होती है।

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कोविड नियमों के साथ शुरू हुए आंगनबाड़ी केंद्र संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में सोमवार से आंगनबाड़ी केंद्र पूर्व की भांति खुल गए। आइसीडीएस निदेशक के निर्देशानुसार कोविड गाइडलाइन के तहत केंद्रों का संचालन शुरू हो गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगभग 20 माह बाद फिर से बच्चों की किलकारियां गूंजने लगीं। डीपीओ आइसीडीएस कविप्रिया ने बताया कि जिले में आंगनबाडी केंद्रों का संचालन तीन से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए सोमवार, बुधवार व शुक्रवार और पांच से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को होता रहेगा। किसी भी केंद्र पर कुल क्षमता का 50 फीसदी अधिक बच्चे उपस्थित नहीं हुए।

केंद्रों पर संक्रमण की पहचान व रोकथाम संबंधी सरकारी निर्देशों को सार्वजनिक रूप से दर्शाया गया। सेविका, सहायिका सहित केंद्र पर आने वाले अभिभावकों ने भी मास्क लगाए रखा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं, अस्वस्थ व्यक्ति और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का केंद्र पर प्रवेश निषेध रहा। केंद्रों पर गर्म पका भोजन भंडारण, तैयारी और वितरण के दौरान स्वच्छता एवं सामाजिक दूरी का पालन किया गया। कविप्रिया ने बताया कि बच्चों को आंख, नाक, कान, मुंह आदि छूने से बचने एवं कफ, सर्दी, बुखार आदि के बारे में जानकारी दी जानी है।

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