प्राथमिक उपचार कर अधिकांश मरीजों को कर दिया जाता रेफर

संवाद सूत्र बहादुरगंज (किशनगंज) डेढ़ लाख की आबादी वाले बहादुरगंज प्रखंड के लोग स्वास्थ्य स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:22 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:22 PM (IST)
प्राथमिक उपचार कर अधिकांश मरीजों को कर दिया जाता रेफर
प्राथमिक उपचार कर अधिकांश मरीजों को कर दिया जाता रेफर

संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज) : डेढ़ लाख की आबादी वाले बहादुरगंज प्रखंड के लोग स्वास्थ्य सेवा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगंज व अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र मेहरगंज गांगी व रूपनी हाट पर आश्रित हैं, लेकिन पर्याप्त संसाधन के अभाव में लोगों का उचित इलाज नहीं हो पाता है। आपातकाल वाले अधिकांश मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल सहित अन्य हायर सेंटर में सीधे रेफर कर दिया जाता है। प्रसव के लिए भी थोड़ी सी विलंब होने पर उसे अन्य जगह भेज दिया जाता है। ऐसे में क्षेत्र के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर परेशानी बनी रहती है। कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर तो दिया गया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था में अभी तक सुधार की गुंजाइश नहीं दिख रही है। विशेषज्ञ डाक्टरों की है कमी प्रखंड क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने के लिए स्वास्थ्य कर्मी के साथ विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। स्वास्थ्य केंद्र में सात चिकित्सक के पद स्वीकृत हैं। इसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रिजवाना तब्बसुम के अलावा एक अन्य महिला चिकित्सक हैं। वहीं चार पुरुष चिकित्सक हैं। स्वास्थ्य केंद्र में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। ना ही सर्जन हैं, ना शिशु रोग विशेषज्ञ हैं ना नेत्र चिकित्सक हैं और ना हड्डी व नश रोग के विशेषज्ञ डाक्टर हैं। इसके अलावा 46 एएनएम, एक फर्मासीस्ट, एक लैब टेक्नीशियन के अलावा लगभग 18 कार्यालय कर्मी पदस्थापित हैं।

अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र हैं सिर्फ आयुष चिकित्सक

प्रखंड क्षेत्र के दो पंचायत में अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इन केंद्रों में एक एमबीबीएस और एक आयुष चिकित्सक का पद सृजित है। लेकिन सिर्फ आयुष चिकित्सक से काम चलाया जा रहा है। आयुष चिकित्सक भी नियमित रूप से अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र में नहीं बैठते हैं।

रोगियों को मिलने वाले भोजन गुणवत्ता विहीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगियों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एनजीओ को है। एनजीओ के द्वारा मरीजों को गुणवत्ता मानक के अनुरूप भोजन नहीं दिया जाता है। वहीं एनजीओ द्वारा स्वास्थ्य केंद्र की साफ-सफाई में भी खानापूर्ति देखी जा रही है। कोट अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के साथ रोगियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि रोगियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। -यशवंत कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगंज

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