त्योहार में अन्य प्रदेश से आने वाले लोगों की आवश्यक रूप से करें कोरोना की जांच : सीएस

संवाद सहयोगी किशनगंज मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 08:02 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 08:02 PM (IST)
त्योहार में अन्य प्रदेश से आने वाले लोगों की आवश्यक रूप से करें कोरोना की जांच : सीएस
त्योहार में अन्य प्रदेश से आने वाले लोगों की आवश्यक रूप से करें कोरोना की जांच : सीएस

संवाद सहयोगी, किशनगंज : मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। त्योहार के मद्देनजर बाहर से आने वाले लोगों का टीकाकरण के साथ ही कोविड की अधिक से अधिक जांच की जाए। ताकि कोविड संक्रमण के चेन को तोड़ने में सफलता मिल सके। कोविड संक्रमित मरीजों का विशेष ख्याल रखें। गंभीर मरीजों को तुरंत रेफर करने के लिए सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। जिला स्वास्थ्य समिति परिसर में शुक्रवार को सिविल सर्जन डा. श्री नंदन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक करते हुए कहा कि स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के गुणात्मक सुधार में विशेष रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।

प्रखंडवार टीकाकरण, मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव,अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सु²ढ़ करने का प्रयास जारी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिले। इसी के तहत सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट, डिजिटल एक्सरे , अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्लड बैंक , डिलीवरी रूम , सिटी स्कैन, पोषण परामर्श केंद्र की सुविधा उपलब्ध है। सदर अस्पताल में निर्मित ऑक्सीजन प्लांट से सभी रोगियों के लिए निर्बाध आक्सीजन की आपूर्ति बेडो तक कर दिया गया है। सीएचसी, पीएचसी और एपीएचसी के निर्माण संबंधी कार्य तेजी से करवाए जा रहे हैं। परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी की जानकारी दी गई। परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उपयुक्त माध्यम है। चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी दें। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है वहीं स्वास्थ्य को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इस दौरान मुख्य रुप से डा. देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डा. मुना•िाम, जिला समन्वयक विश्वजीत कुमार, यूनिसेफ एसएमसी एजाज अफजल, केयर के प्रशुनजीत प्रमाणिक, सी -फार के जिला समन्वयक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक और लेखापाल आदि उपस्थित रहे।

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