बड़ा मुद्दा : फूड प्रोसेसिग प्लांट की आस में किसान हो रहे बदहाल

बीरबल महतो ठाकुरगंज (किशनगंज) बंगाल से सटे किशनगंज जिले की भौगोलिक स्थिति और जलवायु

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 06:37 PM (IST)
बड़ा मुद्दा : फूड प्रोसेसिग प्लांट की आस में किसान हो रहे बदहाल
बड़ा मुद्दा : फूड प्रोसेसिग प्लांट की आस में किसान हो रहे बदहाल

बीरबल महतो, ठाकुरगंज (किशनगंज) : बंगाल से सटे किशनगंज जिले की भौगोलिक स्थिति और जलवायु अनुकूल होने की वजह से किसान ऐसी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर नगदी मिल सके। चाय, अनानास, ड्रैगन फ्रूट, काली मिर्च, तेजपत्ता, मक्का, केला आदि का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन चाय, अनानास आदि फसलों के लिए फूड प्रोसेसिग प्लांट लगाने की मांग वर्षाें से अनसुनी की जा रही है। इस कारण अनानास की खेती कर लगभग तीन हजार से अधिक किसानों को कोरोना काल में करोंड़ों का नुकसान हो चुका है।

पारंपरिक फसलों में जहां काफी देखभाल की जरूरत होती है, वहीं अपेक्षाकृत अनानास की फसल का रखरखाव आसान माना जाता है। इसमें लागत अधिक होने से किसानों का मुनाफा कमाने के लिए फूड प्रोसेसिग प्लांट की आवश्यकता आन पड़ी है। कोरोना संकट काल में इसकी कमी किसानों को काफी खली। बाजार व प्रोसेसिग प्लांट के अभाव में करोड़ों का अनानास खेत में ही खराब हो गए।

खासकर ठाकुरगंज व आसपास के क्षेत्रों में करीब 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में तीन हजार से अधिक किसान अनानास की खेती कर रहे हैं। वर्षों से जनप्रतिनिधियों द्वारा फूड प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक दिशा में कोई ठोस कार्य धरातल में नहीं दिख रहा है। अगर मंडी व प्रोसेसिग प्लांट लग जाए तो अनानास के उत्पादन का रकबा भी बढ़ेगा। 2012 में सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठाकुरगंज में अनानास किसानों से मिलकर फूड प्रोसेसिग प्लांट लगाने का आश्वासन दिया था। किसान प्रमोद साह, सुबोध शंकर सिंह, रविन्द्र सिंह, दिलीप सिंह, रामप्रसाद महतो आदि बताते हैं कि राज्य में एकमात्र ठाकुरगंज प्रखंड में अनानास का उत्पादन हो रहा है। कोरोना के कारण पके अनानास की बिक्री नहीं की जा सकी, फल खेत में ही सड़ गए। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। यदि क्षेत्र में अनानास फल से संबंधित फूड प्रोसेसिग प्लांट होता तो किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता। दिनोंदिन बढ़ती समस्या के कारण अनानास की खेती से हमलोगों का मोहभंग होने लगा है। अपने क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अनानास की खेती के बावजूद भी स्थानीय स्तर पर मंडी नहीं है। जिस कारण राज्य में उत्पादित होने वाले अनानास फल को पश्चिम बंगाल के विधाननगर, सोनापुर आदि मंडियों में बेचने पर मजबूर हैं।

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कोट - विधानसभा में ठाकुरगंज में अनानास की खेती को बढ़ावा देन व संबंधित किसानों को लाभ दिलाने हेतु प्रश्न किया गया था। जिसपर कृषि विभाग के मंत्री के द्वारा आश्वस्त किया गया था कि फूड प्रोसेसिग प्लांट के निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा। मैं इस दिशा में लगाता प्रयासरत हूं। - नौशाद आलम, विधायक, ठाकुरगंज।

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निदान - नगदी फसलों की बेहतर पैदावार व किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु फामर्स प्रोड्यूसर ग्रुप बनाकर संबंधित कंपनियों से जोड़े जाएं, ताकि किसान अपना उत्पाद स्वयं ऑनलाइन बेच पाएंगे। इसके अलावा फूड प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना किया जाना भी आवश्यक है।

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