मत्स्य पालन का प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को प्रमाणपत्र
जिले में सरकारी और निजी जलकर सहित लो लैंड का रक्वा अधिक है।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में सरकारी और निजी जलकर सहित लो लैंड का रक्वा अधिक है। इन क्षेत्रों में वर्ष के सभी महीनों में जल जमा रहता है। अगर इन जल जमाव वाले क्षेत्रों का उचित उपयोग किया जाए तो मत्स्य पालन युवाओं के लिए रोजगार का बेहतर विकल्प बन सकता है। यह बातें विधायक इजहारुल हुसैन ने अर्राबाड़ी स्थित डा. कलाम कृषि महाविद्यालय में तीन दिवसीय प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र देने के बाद कही।
उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड में कुल मिलाकर तीन सौ से ज्यादा सरकारी और निजी जलकर हैं। यहां के युवा मेहनती हैं और वे चाहते हैं कि उन्हें मछली पालन की दिशा में आगे मनचाहे अवसर मिलते रहें। इस जिले में मछली की खपत की तुलना में उत्पादन बहुत कम है। अगर युवा मत्स्य उत्पादन करें तो उन्हें अपने मछली का बेहतर मूल्य प्राप्त होने के साथ उनकी आमदनी भी दोगुना हो सकती है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को मीठे जल की मछली पालन के उपरांत-हैंडलिग एवं प्रसंस्करण की विधि के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा मीठे जल की मछलियों को जाल से पकड़ना, मछलियों को पकड़ने के बाद अच्छे ढंग से रखना, मछलियों का पैकेजिग एवं सुरक्षित परिवहन, सूखी मछली, मछलियों से विभिन्न मूल्यवर्धित उत्पाद का निर्माण और मत्स्य मूल्यवर्धित उत्पादों को बाजार में उचित कीमत पर बेचने से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मुख्य रूप से प्राचार्य डा. विद्या भूषण झा सहित महाविद्यालय के विज्ञानी और प्रोफेसर मौजूद रहे।