शहर में डंपिग जोन नहीं होने से जहां-तहां हो रहा कचरे का निस्तारण

किशनगंज । शहर में बढ़ती आबादी के साथ ही कचरे का निकासी भी अधिक होने लगा है। नप क्षेत्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:24 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:24 PM (IST)
शहर में डंपिग जोन नहीं होने से जहां-तहां हो रहा कचरे का निस्तारण
शहर में डंपिग जोन नहीं होने से जहां-तहां हो रहा कचरे का निस्तारण

किशनगंज । शहर में बढ़ती आबादी के साथ ही कचरे का निकासी भी अधिक होने लगा है। नप क्षेत्र के 34 वार्डों में से 22 वार्डों की सफाई का जिम्मा एनजीओ के पास है वहीं बांकि बचे वार्डों की सफाई नगर परिषद द्वारा करवाया जाता है। लेकिन कचरे को डंप करने की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यह समस्या बनी हुई है। सफाई कर्मी शहर से कचरे को निकाल शहर के बाहरी सड़कों के किनारे जहां तहां जमा कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर से सटे टेउसा डंपिग जोन में कचरा जमा किए जाने से पूरे इलाके में बदबू और बीमारी जैसी समस्या उत्पन्न है।

इसको लेकर पहले भी टेउसा डंपिग जोन के समीप रहने वाले लोगों ने जिलाधिकारी को लिखित आवेदन देकर कचरे को अन्य जगह जमा किए जाने की मांग की थी। लेकिन शहर से प्रतिदिन छह से सात टन कचरा निकलता है। जिसे डंपिग जोन के अलावे किसी अन्य जगह पर जमा भी नहीं किया जा सकता। इन समस्याओं को देखते विगत दो साल पहले शहर के बाहर महेश बथना में नगर परिषद द्वारा 52 एकड़ जमीन स्वीकृत की गयी है। जिसमें सौ करोड़ की लागत से मशीनें लगाकर कचड़े को रिसाइकिलिग किए जाने का प्लांट लगाया जाना था। जमीन लिए जाने के साथ ही पटना से आए अधिकारियों ने जमीन का मुआयना कर जल्द से जल्द चारदीवारी निर्माण कर मशीनें लगाए जाने की बात कहीं थी। साथ ही कचरे को छंटनी कर गीले कचरे से खाद बनाकर बाजार में बेचे जाने की योजना बनायी गयी थी। अन्य कचरे से निकलने वाले प्लाटिक, लोहा, शीशा से वस्तुओं को कबाड़ी में बेचकर नगर परिषद के राजस्व में इजाफा करने की योजना तैयार की गयी थी। लेकिन समय बीतने के साथ ही योजना ठंडे बस्ते में चली गई। कचरे को ड्रंप करने की समस्या जस की तस बनी रही। अब तो टेउसा स्थित डंपिग जोन में कचरों का अंबार लग चुका है।

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