कोरोनाकाल में अस्थमा से ग्रसित मरीज रहें सतर्क

किशनगंज। अस्थमा बीमारी से जुड़ी हुई जानकारी एवं बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 08:37 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 08:37 PM (IST)
कोरोनाकाल में अस्थमा 
से ग्रसित मरीज रहें सतर्क
कोरोनाकाल में अस्थमा से ग्रसित मरीज रहें सतर्क

किशनगंज। अस्थमा बीमारी से जुड़ी हुई जानकारी एवं बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। अस्थमा से ग्रसित मरीजों की सहायता करना इस दिवस का मुख्य उद्देश्य होता है। अस्थमा की भ्रान्तियों को उजागर करना इस वर्ष का थीम रखा गया है। लोगों के बीच अस्थमा से जुड़ी हुई तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई है। अफवाहों या जानकारी के अभाव की वजह से लोगों तक अस्थामा बीमारी की सही जानकारी को पहुंचाना ही इस वर्ष के थीम का मुख्य संदेश है।

सिविल सर्जन डॉ. श्रीनंदन ने बताया अस्थमा से ग्रसित मरीजों को कोरोना काल में विशेष रूप से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही होने पर वे कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। लेकिन थोड़ी सी सतर्कता बरतने के बाद इसका डटकर मुकाबला किया जा सकता है। अस्थमा के मरीजों को अनिवार्य रूप से दवा का सेवन करना चाहिए। अधिकांश समय शुद्ध वातावरण एवं ताजी हवा में अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में रोशनी भी लेनी चाहिए। इसके साथ ही ताजे और शुद्ध पेयजल भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। सुपाच्य व हल्के भोजन करना चाहिए। भोजन धीरे-धीरे एवं खूब चबाकर करना चाहिए। ऐसे मरीज को दिन में कम से कम दस बार पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए। गरिष्ठ भोजन, तले हुए पदार्थ न खाएं, अधिक मीठा, ठंडा पानी, दही का सेवन भी नहीं करें। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा वाली चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए। कोल्ड ड्रिक के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। इसके लक्षणों में मुख्य रूप से सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। श्वसन नली में सूजन आने के कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। जिस कारण खांसी, घबराहट तथा सीने में जकड़न व भारीपन होने लगता है। फेफड़ों में लंबे समय तक कफ जमे रहना, नाड़ी गति का बढ़ जाना, सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज का आना भी अस्थमा के मुख्य लक्षण माने जाते हैं। सड़क पर उड़ती हुई धूल, वायु प्रदूषण, लकड़ी या टायर का धुआं से दूर रहने व बचने की जरूरत होती है। ऐसे मरीजों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। अस्थमा की दवाओं या इन्हेलर का सेवन करने वाले मरीजों को कोरोना का टीका लगाना है और कोरोना होने के बावजूद चिकित्सीय परामर्श लेना है।

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