भेलगाछी गांव से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर ध्वस्त, कलभर्ट दे रहा है हादसे को आमंत्रण

किशनगंज। सुशासन युग मे भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोग विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं। अब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 12:15 AM (IST)
भेलगाछी गांव से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर ध्वस्त, कलभर्ट दे रहा है हादसे को आमंत्रण
भेलगाछी गांव से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर ध्वस्त, कलभर्ट दे रहा है हादसे को आमंत्रण

किशनगंज। सुशासन युग मे भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोग विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं। अब तक लोगो को मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए एक अदद पक्की सड़क नसीब नही हो सका है। जनप्रतिनिधी भले ही अपने लच्छेदार भाषणों से क्षेत्र में विकास की गंगा बहने की बात कहने से नही थक रहे हों। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत तो ग्रामीण क्षेत्र में जाने के बाद ही पता चलता है। विकास के इस दौर में आज भी तैयबपुर -सोनापुर आरईओ सड़क स्थित चमरानी घाट से भेलागाच्छी गांव होते हुए निकड़़ बाड़ी मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क तक जोड़ने वाली लगभग तीन किमी कच्ची सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। जिसका मरम्मत कार्य नही होने से सड़क बड़े बड़े गड्डे मे तब्दील हो चुके हैं। सुखार मे तो लोग किसी तरह से ग्रामीण आवागमन कर लेते है। लेकिन बरसात के मौसम मे सड़क पूरी तरह कीचड़ मे तब्दील हो जाती है। ऐसी स्थिति में इस सड़क पर वाहनों का चलना तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है।

मुकुल सिंह, जनार्दन कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह, परितोष कुमार सिंह ,अशोक कुमार राम, हीरालाल राम, शंभु नाथ सिंह,सुफल कुमार सिंह और उत्सव कुमार सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि भेलागाच्छी, घोसीपोखर, बुढाबुढी, रंगाभीट्टा, धर्म भीट्टा, नया बाड़ी, निकड़ बाड़ी ,मटीया भीट्टा, फाला बस्ती सहित दर्जन भर गांव के ह•ारों की आबादी को यह सड़क जहां एक ओर मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सहित क्षेत्र के सबसे पुराना दलूआ हाट से जोड़ती है। वहीं तैयबपुर, सोनापुर, आरईओ मुख्य सड़क सहित प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोड़ती है। जिस कारण यह सड़क ग्रामीणों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन विडंबना ही कहा जाए कि बरसात के दिनों में सड़क की स्थिति इतनी बद से बदतर हो जाता है कि छात्र छात्राओं का पठन-पाठन प्रभावित हो जाता है। ग्रामीणों का संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से टूट जाता है । यहां बता दें कि सड़क पर 14 वर्ष पूर्व बना कलभट भी ध्वस्त हो चुका है। रात के अंधेरे में दर्जनों साइकिल और मोटरसाइकिल सवार गड्ढा मे गिर कर घायल हो गए है ।

वहीं एक वर्ष पूर्व डूबानोची पंचायत के तेलीभिट्टा गांव निवासी शिक्षक फुलकुमार हरिजन अपने पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर भेलागाछी गांव होते हुए अपने घर जा रहा था। इसी क्रम में ध्वस्त कलभट पर बाइक लेकर गिर गया था। जिससे उनकी पत्नी प्रतिमा देवी के सर पर लोहे का रॉड घूस जाने से वह लहुलुहान होकर बुरी तरह से घायल हो गयी थी। जिसे परिजनों ने इलाज के लिए दोनों पति-पत्नी को सिलिगुड़ी ले गया था। जहां इलाज के दौरान प्रतिमा देवी की मौत हो गई थी। वहीं यह सड़क क्षेत्र के किसानों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है । क्षेत्र के सैकड़ों किसान अनानास, चायपत्ती, केला और धान की खेती बड़े पैमाने पर करते है। गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली कच्ची सड़क गड्डे मे तब्दील हो गयी है। जिससे किसान अपनी खेती से उपज फसलों को मुख्य बाजार तक नहीं ले जा पाते हैं। परिणामस्वरूप किसानों को अपने फसलों को औने-पौने मूल्य मे बेचना पड़ता है। ग्रामीणों ने सड़क को मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने के लिए कई दफा स्थानीय विधायक व सांसद से गुहार लगाई गई है। लेकिन आज तक इस दिशा मे कोई सकारात्मक पहल नही हो पाया है।

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