पांच हजार में तैयार हुई ऑनबोर्ड ट्रॉली ट्रैक लुब्रिकेशन प्रणाली
किशनगंज। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के अलीपुरद्वार मंडल ने मात्र पांच हजार की लागत से ऑनबोर्ड ट
किशनगंज। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के अलीपुरद्वार मंडल ने मात्र पांच हजार की लागत से ऑनबोर्ड ट्रॉली ट्रैक लुब्रिकेशन प्रणाली तैयार की है। इस प्रणाली का रेल लाइन के गेज फेस के लुब्रिकेशन के लिए उपयोग किया जाएगा। यह अटैच-डिटैच उपकरण रेल गेज फेस के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए स्प्रिंग्स का उपयोग करता है और एक ग्रीस पंप से जुड़ा होता है, जो ग्रीस को बाहर निकालने के लिए दबाव बनाए रखता है। ग्रीस को एक रबर सामग्री के माध्यम से लगाया जाता है।
यह जानकारी देते हुए एनएफ रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंद्रा ने बताया कि पटरियों के गेज फेस लुब्रिकेशन विशेष रूप से मोड़ पर घर्षण को रोकने और रेल पहिया इंटरफेस के बीच घर्षण को कम करके ऊर्जा को बचता है। इससे पटरियों का लाइफ बढ़ता है। यह रेल और पहिया फ्लैंग्स पर पार्श्व बलों को भी कम करता है। इस उपकरण को टायर के स्क्रैप का उपयोग करके बनाया गया जो घर्षण के कारण बहुत अधिक घिसे बिना रेल गेज फेस के निरंतर संपर्क में रह सकता है। यह उपकरण एक ग्रीस पंप के आउटलेट से जुड़ा होता है। रबर एप्लिकेटर को एक स्प्रिंग के साथ जोड़ा गया है जो ऐप्लिकेटर और रेल गेजफेस के बीच संपर्क सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि नयी डिजाइन की गयी सरल प्रणाली विशेषरूप से बाहरी पटरियों के लुब्रिकेशन का सक्षम और प्रभावी तरीका है। जो 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से किया जा सकता है। इससे रेल को अपनी संपत्ति के रखरखाव में मानवबल की कमी, ग्रीस की जरूरतों में कमी और समग्र सुरक्षा सुनिश्चित करने का लाभ मिलेगा। इस प्रकार की प्रणाली की आवश्यकता अलीपुरद्वार जंक्शन-सिलीगुड़ी जंक्शन ड्यूअर्स सेक्शन में पटरियों के रखरखाव के लिए नितांत आवश्यक है। इस सेक्शन में बहुसंख्यक तेज मोड़ है। 600 मीटर त्रिज्या से अधिक तेज मोड़ वाले पटरियों के लिए सप्ताह में एक बार लुब्रिकेशन आवश्यक होता है। इसके अलावा एनएफ रेलवे के विभिन्न रेलखंडों पर भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।