जहां कूड़े का था ढेर, वहां अब स्वच्छता का संदेश

किशनगंज। शहर के जिन चौक-चौराहों और मुहल्लों में पहले कूड़े का अंबार लगा रहता था

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 11:58 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 11:58 PM (IST)
जहां कूड़े का था ढेर, वहां  अब स्वच्छता का संदेश
जहां कूड़े का था ढेर, वहां अब स्वच्छता का संदेश

किशनगंज। शहर के जिन चौक-चौराहों और मुहल्लों में पहले कूड़े का अंबार लगा रहता था, वहां अब स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश लिखे जा रहे हैं। यहां की दीवारों पर मधुबनी पैंटिंग कर शहर को संवारा जा रहा है।

दरअसल, राज्य सरकार के निर्देश पर पिछले महीने जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था। इस दौरान यह पाया गया कि कई सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर वहां कूड़े का अंबार लगा दिया है। स्थानीय लोग भी इन जगहों पर कूड़ा फेंक जाते थे। अभियान के दौरान इन जगहों की सफाई की गई और लोगों को जागरूक करने के लिए स्वच्छता का संदेश लिखने का निर्णय लिया गया, ताकि फिर से यहां कूड़ा जमा नहीं हो और शहर भी साफ-सुथरा दिखे। इसके लिए जिलाधिकारी ने दीवारों पर पैंटिंग के जरिये स्वच्छता का संदेश देने की योजना बनाई। नगर परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से चित्रकार मंगाए गए। शुरुआती दौर में शहर के मुख्य चौक-चौराहों के पास दीवारों की पैंटिंग कराई गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र और उनके संदेशों को दीवारों पर उकेरा गया। लोगों का अच्छा रिस्पांस मिलने पर जिलाधिकारी ने पटना आ‌र्ट्स कॉलेज के छात्रों से संपर्क कर पूरे शहर में दीवारों पर पैंटिंग कराने की योजना बनाई। अब पार्क, सरकारी भवन व कार्यालय समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी दीवारों की पैंटिंग कराई जा रही है। उन पर मधुबनी पैंटिंग पर आधारित आकर्षक कलाकृतियां उकेरी जा रही हैं।

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दस कलाकार शहर को बना रहे सुंदर दीवारों पर पैंटिंग के जरिये शहर को सुंदर बनाने के काम में कलाकारों की दस सदस्यीय टीम जुटी हुई है। उन जगहों पर प्राथमिकता के साथ पैंटिंग की जा रही है, जहां पहले कूड़े का अंबार लगा रहता था। स्वच्छता के संदेश का असर भी दिख रहा है। लोग यहां कूड़ा नहीं फेंक रहे हैं। इतना ही नहीं पैंटिंग के जरिये देश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और पर्यावरण का संरक्षण करने की बात भी कही जा रही है। कोट - जिले में स्वच्छता अभियान को कारगर बनाने, शहर को सुंदर बनाने और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए यह प्रयास शुरू किया गया है। लोग भी इससे जागरूक हो रहे हैं।

- डॉ. आदित्य प्रकाश, डीएम

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