सरकारी बैंक दें ऑटो लोन, घटाई जाए जीएसटी
मधेपुरा। केंद्रीय बजट से वाहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी काफी उम्मीदें टिकी हुई हैं। वा
मधेपुरा। केंद्रीय बजट से वाहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी काफी उम्मीदें टिकी हुई हैं। वाहन व्यवसायी जीएसटी व आयकर में राहत के अलावा राहत पैकेज की आस लगाए बैठे हैं। बैंकों द्वारा हल्के व्यवसायिक वाहनों को कर्ज देने की भी मांग है। सरकार से ऐसी नीति की मांग है कि सरकारी बैंक खुलकर हल्के व्यवसायिक वाहनों यथा ऑटो आदि को लोन दे सकें।
केंद्र सरकार ऑटो लोन देने में सरकारी बैंकों की भूमिका तय करें। सरकारी बैंक के लोन नही देने के कारण अभी ऑटो लोन लेने वाले को प्राइवेट फिनांसर व प्राइवेट बैंक पर निर्भर रहना पड़ता है। जहां उसे काफी अधिक ब्याज देना पड़ता है। यही लोन अगर सरकारी बैंकों से मिले तो लोन लेने वाले ग्राहक को काफी बचत होगी। वित्त मंत्री को ध्यान रखना चाहिए कि यह गरीब व निम्न मध्यवर्गीय परिवार से जुड़े लोगों से लिए रोजगार का सीधा अवसर है। कन्हैया अग्रवाल, ऑटोमोबाइल्स व्यवसायी, मधेपुरा
ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में जीएसटी का दर थोड़ा कम किया जाय। हल्के व्यवसायिक वाहनों में अधिकांश ग्रामीण व गरीब तबके के लोग जुड़े हुए रहते है। उनके लिए यह स्वरोजगार है। ऐसे में वर्तमान में लिया जा रहा 28 प्रतिशत जीएसटी काफी अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्री को इस पर गौर करना चाहिए। वैसे भी कोरोना संकट काल को लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर की हालत बेहतर नहीं है। अमित कुमार मोनी, ऑटोमोबाइल व्यवसायी, मधेपुरा
आमलोगों को राहत देने वाला आम बजट होना चाहिए। अभी लोगों के पास रुपये की काफी कमी है। सरकार को इस स्थिति को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए। इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगने वाले जीएसटी के दर को भी कम किया जाना चाहिए। अभी 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है। इसको घटाकर 18 प्रतिशत कर देना चाहिए। वहीं आयकर में छूट का दायरा भी बढ़ाया जाना चाहिए। वर्तमान में पांच लाख तक छूट की सीमा है। जिसे बढ़ाकर साढ़े सात लाख तक कर देना चाहिए। असफाक आलम, ऑटोमोबाइल व्यवसायी, मधेपुरा
कोरोना संकट से ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी धक्का लगा है। पहले लॉकडाउन व उसके बाद लोगों के पास रुपये की कमी ने बाजार को कमजोर कर दिया है। लोगों के बेरोजगार होने के कारण सबों के साथ नगदी की समस्या बनी हुई है। लोगों के पास रुपया नही रहने के कारण बाजार आर्थिक मंदी में है। बजट में कुछ ऐसा प्रावधान किया जाय कि बाजार में रौनक लौट सके। पुष्पेंद्र कुमार पप्पू, ऑटोमोबाइल व्यवसायी, मधेपुरा
बजट आमलोगों व व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए। बजट में आयकर में छूट के दायरे को बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा करने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। वही कोरोना संकट को लेकर बाजार के लिए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। इससे बाजार में तेजी आ सकें। लंबे समय तक बाजार की ऐसी स्थिति रहने पर अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। सूरज कुमार, ट्रेक्टर डीलर,मधेपुरा
इस बार का बजट काफी महत्वपूर्ण है। सरकार को कोरोना संकट को लेकर बाजार में छाई मंदी को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करना चाहिए। कोरोना ने लोगों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है। ऐसे में आमलोगों को राहत दिलाने हेतु बजट में सभी तरह के उपाय किये जाने चाहिए। भले कुछ दिन के लिए ही सही जीएसटी की दरों में कमी लाना चाहिए। ताकि लोगों को समान सस्ता मिल सके। भरत मांझी, व्यवसायी,मधेपुरा