सीमा सुरक्षा बल ने 57वां स्थापना दिवस मनाया

उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक रवि गांधी के नेतृत्व में बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 07:17 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:17 PM (IST)
सीमा सुरक्षा बल ने 57वां स्थापना दिवस मनाया
सीमा सुरक्षा बल ने 57वां स्थापना दिवस मनाया

संवाद सहयोगी, किशनगंज : उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक रवि गांधी के नेतृत्व में बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर बीएसएफ के द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। रवि गांधी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल एक दिसंबर 1965 को अस्तित्व में आया। के एफ रुस्तमजी इसके पहले प्रमुख और संस्थापक थे। सीमा सुरक्षा बल के उत्तर बंगाल फ्रंटियर की स्थापना एक अप्रैल 1988 को की गई थी। उन्होंने बताया कि उत्तर बंगाल फ्रंटियर भारत बांग्लादेश सीमा पर 936 किलोमीटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ बीएसएफ पर तस्करी पर रोक लगाने की जवाबदेही है जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिग, जलपाइगुड़ी और कूचबिहार जिलों में पड़ता है। इस वर्ष के दौरान, उत्तर बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत पड़ने वाली विभिन्न सीमा चौकियों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के सतर्क जवानों ने 5441 मवेशी 63,875 बोतल फैनसीड्रिल, 376.38 किलो गांजा, 5,101 याबा टैबलेट, 36.335 किलो चांदी, 8.6 किलो सांप का जहर, 3,37,593 बांग्लादेशी टका 9,72,816 भारतीय रुपये, 44,500 भारतीय नकली नोट सहित अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की हैं। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उत्तर बंगाल फ्रंटियर के सीमावर्ती इलाकों से कुल 133 तस्करों और 125 बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी पकड़ा है। रवि गांधी ने बताया कि सीमा पार के अपराधी और देशविरोधी ताकतें हाइटेक हो गए हैं। वे अपने अन्य सहयोगियों को जानकारी देने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल प्रभावी सीमा प्रबंधन के साथ साथ आधुनिक तकनीकों और गैजेट्स का भी उपयोग कर रहा है। सीमावर्ती ग्रामीणों के बीच विश्वास की भावन जागृत करने और दोस्ताना संबंध स्थापित करने के लिए समय समय पर सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चलता जाता है। इसके साथ ही चिकित्सा शिविर, कौशल विकास कार्यक्रम, सीमावर्ती आबादी को सहायता, विभिन्न बीओपी में सीमावर्ती आबादी के लिए एम्बुलेंस, स्वच्छता अभियान, हथियारों की प्रदर्शनी, केन्द्रीय पुलिस बलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण और बीएडीपी के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के साथ साथ उन्हें चिकित्सा सुविधा, राशन सहित मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण किया जा रहा है।

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