मूल बातें नहीं कर रहे प्रत्याशी, प्रलोभन से लेना चाहते हैं वोट

पोठिया प्रखंड में नवम चरण में 29 नवंबर सोमवार को पंचायत चुनाव का मतदान होगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 07:02 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 07:02 PM (IST)
मूल बातें नहीं कर रहे प्रत्याशी, प्रलोभन से लेना चाहते हैं वोट
मूल बातें नहीं कर रहे प्रत्याशी, प्रलोभन से लेना चाहते हैं वोट

संवाद सूत्र, पहाड़कट्टा (किशनगंज) : पोठिया प्रखंड में नवम चरण में 29 नवंबर सोमवार को पंचायत चुनाव का मतदान होगा। चुनाव में अब मात्र तीन दिन शेष बचे हैं। चुनावी प्रचार में अब भी मतदाता के जुबान नहीं खोलने से प्रत्याशी परेशान हैं और प्रचार प्रसार भी अंतिम चरण में है।

प्रत्याशियों द्वारा समर्थकों के साथ जनसंपर्क अभियान को भी तेज कर दिया गया है। सुबह से लेकर शाम तक मतदाताओं की चौखट पर दस्तक देकर अपने चुनाव चिह्न पर बटन दबाकर मतदान करने की अपील कर रहे हैं। मतदाताओं से संपर्क कर अलग अलग तरीके से मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने का प्रयास किया जा रहा है। मतदाताओं की चुप्पी से प्रत्याशी की बेचैनी बढ़ गई है। प्रत्याशियों की चिकनी-चुपड़ी बातों से इतर उनका जवाब या फिर उन्हें ही समर्थन देंगे कि बात कहकर तसल्ली जरूर दे रहे हैं। मतदाता हर प्रत्याशी से बस यही कह रहे हैं कि इस बार तो आपको ही मौका देने का मन बनाए हैं। आश्वासन देकर मतदाता प्रत्याशियों को टरका भी रहे हैं।

इन दिनों प्रखंड में हर चौराहों तथा चाय-नाश्ते के दुकानों एवं गांव की चौपालों में केवल चुनाव की चर्चा हो रही है। मतदाता एक-एक प्रत्याशी की नब्ज को टटोल रहे हैं। कहीं-कहीं तो समर्थक अपने चहेते प्रत्याशी की जीत की बात कहकर एक-दूसरे से बहस भी करते देखे जा रहे हैं। पंचायत चुनाव में जीत दर्ज करने को लेकर प्रत्याशियों के द्वारा हर ओर दांव चलाया जा रहा है। कहीं रिश्ते को आधार बनाया जा रहा है तो कहीं जाति कार्ड का तो कहीं भरोसा करने की बात कहकर प्रत्याशियों के द्वारा वोट बटोरने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, इन सब के बीच पंचायत की मूल समस्याएं धूल फांकती ही नजर आ रही हैं। किसी भी प्रत्याशी के घोषणा पत्र या फिर चुनाव प्रचार में मूल रूप से गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, लक्ष्मीबाई पेंशन, निशक्त पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को ईमानदारी से जमीन पर उतारने की बात किसी भी प्रत्याशी के प्रचार प्रसार में शामिल नहीं है। इन मुद्दों पर बात करने की बजाय प्रत्याशी तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं।

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