सामाजिक न्याय के मुद्दे पर भारी पड़ रहा विकास का दावा

किशनगंज। लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर पर अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पद धारकों का एक कार्य क्षेत्र निर्धारित है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:14 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:14 PM (IST)
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर भारी  पड़ रहा विकास का दावा
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर भारी पड़ रहा विकास का दावा

किशनगंज। लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर पर अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पद धारकों का एक कार्य क्षेत्र निर्धारित है। हर पद की समाज में एक अहम भूमिका है जो कहीं ना कहीं समाज के उत्थान से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो रहा है कि चुनावी मैदान में सामाजिक न्याय के वादा पर विकास का मुद्दा भारी पर रहा है। समाज के लोगों को न्याय दिलाने से अधिक विकास का दावा करने वाले संभावित प्रत्याशी सामने आ रहे हैं। पंचायत के संभावित प्रत्याशी पर गौर करें तो सरपंच और पंच जैसे न्याय के पद से अधिक पंचायत के विकास एवं योजना संबंधित नीति निर्धारण करने वाले मुखिया, समिति और वार्ड सदस्य के दावेदार अधिक हैं। इस तरह कहीं ना कहीं न्याय पर विकास का दावा भारी पड़ता दिख रहा है, जो लोगों को न्याय दिलाने से अधिक विकास कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम देने में भरोसा रखते हैं।

जिला में चौथे और पांचवें चरण में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर कागजी प्रक्रिया प्रारंभ है। किशनगंज प्रखंड में चौथे चरण चुनाव के लिए तीन दिनों से एनआर कट रहा है वहीं टेढ़ागाछ में पांचवे चरण में चुनाव के लिए बुधवार से एनआर काटने की प्रक्रिया शुरू है। न्याय पर भारी पड़ रहे विकास के मुद्दे को आंकड़े के हिसाब से देखा जाए तो एनआर कटाने में सरपंच और पंच पद से मुखिया, समिति और वार्ड सदस्य की संख्या अधिक है। यहां तक कि न्याय के पद को छोड़कर विकास के पद के लिए दोगुना रफ्तार से एनआर कट जा रहा है। किशनगंज प्रखंड के लिए तीन दिन और टेढ़ागाछ प्रखंड में एक दिन कटे एनआर की संख्या को देखें तो मुखिया पद के लिए 104, समिति पद के लिए 87, सरपंच पद के लिए 66, पंच पद के लिए 298 और सदस्य पद के लिए 694 एनआर कटे हैं। इस तरह कह सकते हैं कि पंचायत क्षेत्र में न्याय से अधिक विकास कार्य को अंजाम देने के प्रति प्रत्याशी अधिक रूचि दिखाते हुए चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।

दिन प्रतिदिन रोचक हो रहे चुनावी चर्चा::

चुनावी रंग मतदान तिथि नजदीक आने के साथ दिन प्रतिदिन गहरा होते जा रहा है। पंचायत क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच चुनावी चर्चा लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। इस चर्चा को और रोचक प्रतिदिन नए संभावित प्रत्याशी का उभरकर सामने आने वाला नाम बना रहा है। नित्य दिन विभिन्न पदों के लिए नए-नए संभावित प्रत्याशी का चेहरा सामने आता है और चुनावी चौपाल का माहौल दिन और रात की तरह बदल रहता है, जितनी मुंह उतनी बातें सामने आती है। हर कोई अपने चहेते प्रत्याशी के पक्ष में जीत का सम्मीकरण बैठाने में जुटे हुए हैं।

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