चुनाव पेज लीड : चुनाव प्रचार में तय सीमा से ज्यादा धन खर्च कर रहे मुखिया उम्मीदवार

जागरण संवाददाता किशनगंज पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी काय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 12:01 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 12:01 AM (IST)
चुनाव पेज लीड : चुनाव प्रचार में तय सीमा से ज्यादा धन खर्च कर रहे मुखिया उम्मीदवार
चुनाव पेज लीड : चुनाव प्रचार में तय सीमा से ज्यादा धन खर्च कर रहे मुखिया उम्मीदवार

जागरण संवाददाता, किशनगंज : पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी कार्य तक खर्च करने की सीमा निर्धारित है। निर्धारित तय राशि खर्च करने का आदेश मुखिया उम्मीदवारों पर कोई प्रभाव नहीं डाल रहा है। खर्च तो सभी पद के उम्मीदवार कर रहे लेकिन भविष्य के मुखियाजी इस नियम का खुलेआम उल्लंघन कर चुनाव प्रचार-प्रसार में पैसे फूंक रहे हैं। खासकर लग्जरी प्रचार वाहन, समर्थकों के खाना-पीना और वाहन में पेट्रोल-डीजल पर जमकर खर्च किया जा रहा है। खर्च का यह सिलसिला प्रत्याशियों के एनआर कटाने से शुरू होता है और मतदान के दिन तक चलता है। सब कुछ खुलेआम होने के बाद भी ऐसे उम्मीदवारों पर आयोग की ओर से शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।

हाल के दिनों में दो प्रखंड क्षेत्र के पंचायत का चुनाव परिणाम आने के बाद क्षेत्र में यह चर्चा तेज हो गई कि मुखिया बनने के लिए फलाने ने पैसा को पैसा नहीं समझा, फिर भी चुनाव हार गए। इस चर्चा के बीच लोग ऐसे मुखिया प्रत्याशी के खर्च का मौखिक हिसाब-किताब जोड़ते हैं तो निर्धारित खर्च से कई गुना ज्यादा है। ऐसे हो भी क्यों ना एनआर कटाने के दौरान से ही मुखिया के अलावा, जिला परिषद, सरपंच, समिति, वार्ड सदस्य, पंच पद के उम्मीदवार अपने समर्थकों का जमावड़ा लगाने लगते हैं और खर्च का दौर शुरू हो जाता है। नामांकन के दिन कई लग्जरी चारपहिया और दो पहिया वाहनों से रैली निकालकर प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते हैं और नामांकन में हिस्सा लेने वाले समर्थकों की भीड़ जुटाने के लिए सैकड़ों प्लेट खाना आर्डर करते हैं। वाहनों में तेल भी डलवाते हैं। ये सब खुलेआम होता रहता है। इसके बावजूद संबंधित पदाधिकारी नकेल कसने की बजाय आचार संहिता का उल्लंघन ना करने का सिर्फ आदेश जारी करते रहते हैं। दो प्रखंड में चुनाव परिणाम में जब निर्धारित राशि से कई गुना खर्च करने की बात सामने आई तो आगामी चरण में ठाकुरगंज एवं पोठिया प्रखंड में होने वाले चुनावी क्षेत्र पहुंचकर पंचायत चुनाव में उम्मीदवार के खर्च की पड़ताल की गई। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से पूछा गया और नामांकन के लिए पहुंचने वाले प्रत्याशी एवं समर्थकों का सैलाब देखा गया तो सब कुछ सामने आ गया कि भविष्य के मुखिया जी तो पूरे चुनाव में किए जाने वाले निर्धारित खर्च से अधिक नामांकन के दिन ही उड़ा दे रहे हैं। ऐसे प्रत्याशी समर्थकों के लिए कई होटलों एवं ढाबों में मीट चावल, मुर्गा चावल जैसे भोजन का प्रबंध कराते हैं या अपने घर पर ही खाना खिलाने का आयोजन करते हैं। ऐसे समर्थकों को नामचीन दुकान से नाश्ता भी मंगाकर कराया जाता और फिर पेट्रोल-डीजल खर्च भी दिया जाता है। ताकि क्षेत्र में अपनी दावेदारी मजबूत तरीके से पेश कर चुनावी मैदान में जीत हासिल करें। इस खर्च में मुखिया उम्मीदवार सबसे आगे हैं, वही कई जगहों पर जिला परिषद उम्मीदवार द्वारा भी दिल खोलकर खर्च करने की बात बताई जा रही है। इसके बाद वार्ड सदस्य उम्मीदवार भी खर्च में पीछे नहीं हैं। वहीं समिति, सरपंच और पंच पद के प्रत्याशी भी अपने समर्थकों के साथ चुनाव मैदान में अपनी ताकत झोंके हुए हैं। सब खर्च खुलेआम हो रहा है यह जनता से लेकर पदाधिकारी किसी से छिपा हुआ नहीं है। खर्च का देना होता है हिसाब:::

चुनाव के दौरा किए गए खर्च का प्रत्याशियों को हिसाब देना होता है। आयोग द्वारा निर्धारित राशि तक ही प्रत्याशी को किए गए सारे खर्च का हिसाब जमा करना है। ऐसे में, चुनाव बाद कुछ प्रत्याशी भी खानापूर्ति करते हुए हिसाब सौंप देते हैं। अन्यथा कई प्रत्याशी तो हिसाब तक नहीं देते हैं। हालांकि, हिसाब नहीं देने वाले प्रत्याशियों को अगले चुनाव में उम्मीदवारी पर रोक लगा दी जाती है। आयोग द्वारा निर्धारित उम्मीदवार के खर्च::

पद खर्च

जिप सदस्य एक लाख

मुखिया 40 हजार

पंचायत समिति 30 हजार

वार्ड सदस्य 20 हजार

पंच 20 हजार

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