की हालचाल छे भया, तोक घोर ओसना बहुत जरूरी छे

पंचायत चुनाव पोठिया प्रखंड में नवम चरण के तहत 29 नवंबर सोमवार को होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:02 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:02 PM (IST)
की हालचाल छे भया, तोक घोर ओसना बहुत जरूरी छे
की हालचाल छे भया, तोक घोर ओसना बहुत जरूरी छे

संवाद सूत्र, पहाड़कट्टा (किशनगंज) : पंचायत चुनाव पोठिया प्रखंड में नवम चरण के तहत 29 नवंबर सोमवार को होगा। चुनाव में अब मात्र दो दिन शेष बचे हैं। इससे पंचायत चुनाव का प्रचार-प्रसार अंतिम चरण पर होने से सरगर्मी काफी तेज हो गया है। हर गांव हर मुहल्ले में चुनावी शोर गूंज रहा है। गांव से एक प्रचार वाहन जाता है तो दूसरा प्रवेश कर जाता है। विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी एक-एक वोट के लिए जबरदस्त मेहनत कर रहे हैं।

खासकर मुखिया, पंचायत समिति सदस्य तथा वार्ड सदस्य के प्रत्याशी दूसरे प्रदेशों में कामकाज कर रहे मतदाताओं को आने-जाने का किराया देकर घर बुला रहे हैं। मोबाइल पर प्रत्याशी स्थानीय भाषा में मतदाताओं से यह कहते सुना जा रहा है कि, की हाल चाल छे भया, इस बार किसी भी हालत चुनाव जीतना छे। इसलिए तोक घोर ओसना बहुत जरूरी छे। तोर जुआर ओसुआर भाड़ा रा मी दै दुम, मोक वोट टा दे ती फेर चोले जईस। प्रत्याशियों को लगता है कि मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेश में काम करने गए मतदाताओं को गोलबंद करने तथा उन्हें वोट डालने के लिए घर बुलाने से उसकी चुनावी नैया जरूर पार लग जाएगी।

विभिन्न पदों के लिए चुनावी मैदान में कूदकर भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी भी इस दफा किसी तरह का जोखिम लेना मुनासिब नहीं समझ रहें हैं। इसका मुख्य कारण है कि पिछले दफा चुनाव में कई प्रत्याशियों को दूसरे प्रदेश में रह रहे मजदूर मतदाताओं के नहीं आने से काफी कम मतों से हार की मुंह देखना पड़ा था। इसलिए इस बार वैसे प्रत्याशी पूरी तरह सावधानी बरत रहे हैं। बताते चलें कि पोठिया प्रखंड क्षेत्र के 22 पंचायतों में चुनाव नवम चरण के तहत 29 नवंबर सोमवार को होना निर्धारित है। इसके लिए चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे से थम जाएगा। प्रत्याशियों द्वारा प्रचार- प्रसार जनसंपर्क अभियान काफी तेज कर दिया गया है। मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन भी दिया जा रहा है। प्रचार-प्रसार में सगे-संबंधियों का भी सहारा लिया जा रहा है। मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए सभी प्रत्याशी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अपने चुनावी क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों से आशीर्वाद एवं दुआ लेने में कोई चूक नहीं कर रहे हैं। आखिर किस-किस के सिर पर जीत का सेहरा होगा। इसका पता तो 2 दिसंबर को मतगणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चल पाएगा। फिलहाल पंचायत चुनाव को लेकर गांव की सरकार बनाने के लिए पंचायतों में राजनीतिक सरगर्मी इन दिनों काफी तेज हो गई है।

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