अब फरकिया की धरती पर जमकर उपजेगा काला गेहूं

जिले के किसान खेती में नित्य नए प्रयोग कर आगे बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:43 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:43 PM (IST)
अब फरकिया की धरती पर जमकर उपजेगा काला गेहूं
अब फरकिया की धरती पर जमकर उपजेगा काला गेहूं

जागरण संवाददाता, खगड़िया : जिले के किसान खेती में नित्य नए प्रयोग कर आगे बढ़ रहे हैं। अब खगड़िया के किसान काले गेहूं की खेती कर उन्नति की राह पर हैं। अब काले गेहूं की खेती का रकबा बढ़ते जा रहा हैं। जिले में दो वर्ष पूर्व काले गेहूं की खेती दो एकड़ से आरंभ हुई थी। सर्वप्रथम रामानंद सिंह हरियाणा से काले गेहूं का बीज लाकर काले गेहूं की खेती आरंभ की थी। उसके बाद से इसका प्रसार होना आरंभ हुआ। बीते वर्ष गोगरी और राटन के किसानों ने भी काले गेहूं की खेती की थी। इस बार काफी संख्या में किसान काले गेहूं की खेती को लेकर उन्मुख हुए हैं। रबी के इस मौसम में काले गेहूं की खेती कर रहे हैं। अब काले गेहूं का रकबा 60 एकड़ से अधिक होने की संभावना है। काला गेहूं आम गेहूं से अधिक पौष्टिक होने के साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। काले गेहूं अधिक कीमत पर बिकने के साथ किसानों के लिए फायदेमंद है। अन्य प्रदेशों में इसकी मांग काफी है। इस बार मानसी, अमनी, अलौली, राटन, गौछारी, गंगौर सहित अन्य जगहों पर काले गेहूं की खेती की जा रही है।

अन्य जिले के किसान भी खगड़िया से ले रहे काले गेहूं की बीज

रामानंद सिंह ने काले गेहूं की खेती जिले में हरियाणा से बीज लाकर आरंभ की थी। काले गेहूं की खेती के साथ उन्होंने बीज को संरक्षित रखने का काम भी किया है। काले गेहूं की बीज स्थानीय किसानों के साथ-साथ अन्य जिले के किसान भी इनसे खरीद रहे हैं। इस बार मानसी, अमनी, बेलदौर, अलौली सहित बांका, पटना व सासाराम के किसानों ने इनसे काले गेहूं की बीज खरीदी है। पौष्टिकता और औषधीय गुणों से भरपूर है काला गेहूं काला गेहूं आम गेहूं की तुलना में सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। यह पौष्टिकता और औषधीय गुणों से भरपूर है। काले गेहूं में फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, का‌र्ब्स जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो मधुमेह, दिल की बीमारी में फायदेमंद हैं। इसमें एंटीबाइटिक गुण भी होते हैं। आम गेहूं में तीन से चार प्रतिशत तक एंटीबाइटिक गुण होते हैं। इसमें 260 प्रतिशत तक एंटीबाइटिक पाए जाते हैं। जो हर रोग से बचाता हैं। कैंसर मरीजों के लिए काले गेहूं के आटे का प्रयोग करना काफी फायदेमंद है। इसका उपयोग शहरों में अधिक है। कोट

काले गेहूं की खेती गंगौर के किसान रामानंद सिंह ने हरियाणा से बीज लाकर आरंभ की। इसका परिणाम भी अच्छा आया। अब काले गेहूं की खेती का रकबा बढ़ने लगा है। इस बार एक दर्जन से अधिक किसान काले गेहूं की खेती कर रहे हैं। काले गेहूं की खेती को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके फायदे व खेती के तरीके से अवगत कराया जा रहा है। इसकी खेती किसानों के लिए फायदेमंद है। यह पौष्टिकता व औषधीय गुणों से भरपूर है और आम गेहूं की तुलना में अधिक कीमत पर बिकती है। डा. अनीता कुमारी, प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया।

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