बाक्स: माघी पूर्णिमा पर नहीं दिखाई पड़ी बैलगाड़ी

खगड़िया । दो-तीन दशक पहले तक माघी पूर्णिमा में दूर-दूर से श्रद्धालु बैलगाड़ी से अगुवानी गंगा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:23 PM (IST)
बाक्स: माघी पूर्णिमा पर नहीं दिखाई पड़ी बैलगाड़ी
बाक्स: माघी पूर्णिमा पर नहीं दिखाई पड़ी बैलगाड़ी

खगड़िया । दो-तीन दशक पहले तक माघी पूर्णिमा में दूर-दूर से श्रद्धालु बैलगाड़ी से अगुवानी गंगा तट पर पहुंचते थे। कई तो एक-दो रोज पहले ही आकर डेरा डाल देते थे। परंतु अब यह सपने की बात हो गई। बैलगाड़ी का दर्शन दुर्लभ है। बूढ़े-बुजुर्ग बताते हैं कि पहले बैलगाड़ी ही सवारी का मुख्य साधन था। हाट-बाजार, तीर्थ, शादी-विवाह में यह मुख्य सवारी थी। माघी पूर्णिमा पर तो सैकड़ों की संख्या में अगुवानी गंगा घाट पर बैलगाड़ी दिख जाती थी। लेकिन, आधुनिकता के दौर में बैलगाड़ी नजर नहीं आता है। बैल और घंटी की आवाज अब दुर्लभ है। बाक्स: रामधुन की बहती रही गंगा

संवाद सूत्र, परबत्ता( खगड़िया): माघी पूर्णिमा को लेकर जगह-जगह रामधुनी महायज्ञ का आयोजन किया गया। अगुवानी गंगा घाट पर भी रामधुनी महायज्ञ का आयोजन हुआ। रहीमपुर मोड़ पर भी रामधुनी महायज्ञ का आयोजन किया गया है। यहां दूर-दूर से कीर्तन मंडलियां पहुंची हैं। सीताराम की गंगा प्रवाहित हो रही है। इधर, पूर्णिमा होने के कारण अगुवानी घाट से कांवरियों का जत्था देवघर के लिए रवाना हुआ। बाक्स: स्टील पाइल ब्रिज को पार कर किया स्नान

संवाद सूत्र, परबत्ता ( खगड़िया): अगुवानी गंगा घाट पर लोगों को इस बार भी गंगा की उपधारा में बने अस्थाई स्टील फाइल ब्रिज का लाभ मिला। इस पुल का लाभ वर्ष 2015 से लोगों को मिलता आ रहा है। अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु को लेकर एसपी सिगला कंपनी की ओर से इसका निर्माण किया गया है। इसके पूर्व लोगों को गंगा की धारा पर बने चचरी पुल का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब लोग अस्थाई पाइल ब्रिज के सहारे गंगा की उपधारा को पार करते हैं। माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु इस पुल को पार कर गंगा की मुख्यधारा में जाकर स्नान किया।

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