अपग्रेड कर मिला प्लस टू का दर्जा, शिक्षक नदारद

अधिकतर उच्च विद्यालय अब अपग्रेड होकर प्लस टू में परिवर्तित हो चुके हैं। जिले में 64 प्लस टू विद्य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 06:54 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 06:54 PM (IST)
अपग्रेड कर मिला प्लस टू का दर्जा, शिक्षक नदारद
अपग्रेड कर मिला प्लस टू का दर्जा, शिक्षक नदारद

अधिकतर उच्च विद्यालय अब अपग्रेड होकर प्लस टू में परिवर्तित हो चुके हैं। जिले में 64 प्लस टू विद्यालय हैं। लेकिन, इन विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों को लेकर है। इससे पठन-पाठन पर गंभीर असर पड़ रहा है। कई विद्यालयों में प्लस टू में शिक्षक नहीं हैं, लेकिन नामांकन लिए जा रहे हैं। विद्यार्थी पास भी कर रहे हैं। ये प्लस टू विद्यालय उच्च विद्यालयों के शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं। उच्च विद्यालय के शिक्षक का मन हुआ तो कक्षा लिया, नहीं तो भगवान ही मालिक है।

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इन प्लस टू विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं है

प्लस टू विद्यालय बंदेहरा, जग्गनाथ राम इंटर विद्यालय सलारपुर, इंटर विद्यालय कन्हैयाचक, बिहार केसरी एवं मोतिहारी हजारी इंटर विद्यालय डुमरिया बुजुर्ग, टीएन बालिका इंटर विद्यालय शिरनियां, केबीसी इंटर विद्यालय गौछारी, जवाहर इंटर विद्यालय महेशखूंट, एसपीएम इंटर विद्यालय महेशखूंट।

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अधिकतर जगहों पर पर्याप्त शिक्षक नहीं

श्रीकृष्ण इंटर विद्यालय नयागांव में मात्र एक शिक्षक हैं। यहां नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 300 के आसपास है। भगवान इंटर विद्यालय गोगरी में विज्ञान में 311 और कला में 276 विद्यार्थी हैं। जबकि यहां मात्र छह शिक्षक हैं। शिवाधीन महावीर इंटर विद्यालय चौथम में मात्र पांच शिक्षक हैं। जबकि यहां विज्ञान और कला में 120-120 विद्यार्थी नामांकित हैं। विषयवार शिक्षक नहीं रहने से पठन-पाठन का सहज अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसे में विद्यार्थी निजी कोचिग, ट्यूशन के सहारे पढ़ाई-लिखाई करने को विवश हैं।

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शिक्षकों की कमी है। नियोजन के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस वर्ष भी शिक्षकों का नियोजन होगा।

राजकिशोर सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया

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