खगड़िया में पहुंच चुका है नल का जल, फिर भी पी रहे चापाकल का पानी

खगड़िया के गंगा किनारे के प्रखंड आर्सेनिक की जद में है। इनमें सदर मानसी गोगरी और परबत्ता प्रखंड शामिल है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 12:05 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:05 AM (IST)
खगड़िया में पहुंच चुका है नल का जल, फिर भी पी रहे चापाकल का पानी
खगड़िया में पहुंच चुका है नल का जल, फिर भी पी रहे चापाकल का पानी

खगड़िया। खगड़िया के गंगा किनारे के प्रखंड आर्सेनिक की जद में है। इनमें सदर, मानसी, गोगरी और परबत्ता प्रखंड शामिल है। जबकि संपूर्ण जिले में आयरन की समस्या है। पीएचईडी के 17 हजार 159 चापाकलों की जांच विभाग की ओर से कराई गई। सभी चापाकल में आयरन की अधिकता पाई गई। 3.2 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) तक आयरन पानी में पाया गया। 1.0 पीपीएम से अधिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर हम वार्ड स्तर पर बात करें, तो खगड़िया के ग्रामीण क्षेत्र में 1859 वार्ड शामिल हैं। जिसमें नल जल के तहत 1214 वार्डों में आयरन रिमुवल प्लांट अधिस्थापित किया गया है। जबकि 367 वार्ड में आर्सेनिक मानक से अधिक मिला। आर्सेनिक 0.030 पीपीएम तक मिला। जबकि 0.01 से अधिक नुकसानदेह है। पीएचईडी की ओर से 303 वार्डों में आर्सेनिक रिमुवल प्लांट अब तक अधिस्थापित किया जा चुका है।

माइंड सेट में बैठा है चापाकल

समस्या अब यह आ रही है कि जहां नल का जल पहुंच चुका है, वहां भी कई लोग चापाकल का पानी उपयोग कर रहे हैं। मानसिकता यह है चापाकल का पानी ताजा है। और कई कारण हैं। चौथम प्रखंड के रोहियार पंचायत अंतर्गत बंगलिया गांव के वार्ड नंबर छह और तीन में नल जल योजना चालू है। लेकिन यहां के कई लोग चापाकल का पानी पी रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार बिजली की समस्या के कारण मिनी जलमीनार से समय पर पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है। एक मिनी जलमीनार बाढ़ के पानी से घिर गया है। ऐसे में लोग चापाकल का पानी पीने को विवश हैं। दूसरी ओर माइंड सेट में चापाकल बैठा हुआ है।

लोगों को जल नमूना संग्रह को ले किया जा रहा प्रेरित

दूसरी ओर पीएचईडी शुद्ध और साफ पानी को लेकर लगातार प्रयासरत है। पीएचईडी के रसायनज्ञ संजय पांडे कहते हैं- जहां-जहां आयरन और आर्सेनिक रिमुवल प्लांट लगाया गया है, वहां हर महीने इसकी जांच होती है। अब तक विचलन की स्थिति किसी वार्ड में नहीं है। लोगों को जल नमूना संग्रह और उसे कैसे सुरक्षित पीएचईडी के प्रयोगशाला तक पहुंचाना है, इसको लेकर प्रेरित किया जा रहा है। ताकि कहीं भी किसी तरह की समस्या आने पर उसका त्वरित समाधान हो। लोग सही ढंग से हर घर नल का जल योजना का लाभ उठा सके। बीते 24 जुलाई को पीएचईडी की ओर से मानसी प्रखंड में वार्ड सदस्यों के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें रसायनज्ञ संजय पांडे, सहायक अभियंता दीपक जैन, कनीय अभियंता अविनाश कुमार शामिल हुए।

लगाए जाएंगे जल चौपाल

पीएचईडी खगड़िया के कार्यपालक अभियंता हरेराम कहते हैं- यह बात सामने आई है कि जहां हर घर नल का जल पहुंच भी चुका है वहां के लोग भी चापाकल के पानी का उपयोग करते हैं। इसको लेकर जल जीवन मिशन के तहत वार्ड स्तर पर जल चौपाल लगाया जाएगा। ताकि भ्रांति दूर हो और जागरूकता आए। बिजली की समस्या के समाधान को लेकर विभाग प्रयासरत है।

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