एक सौ केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी लापता

खगड़िया । डेढ़ दशक से अधिक समय से लंबित कांडों का बोझ ढो रही है पुलिस। करीब एक सौ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:19 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:19 PM (IST)
एक सौ केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी लापता
एक सौ केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी लापता

खगड़िया । डेढ़ दशक से अधिक समय से लंबित कांडों का बोझ ढो रही है पुलिस। करीब एक सौ केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी लापता हैं। ऐसे केस के जांचकर्ता कई पुलिस अधिकारियों का बहुत पहले ही अन्यत्र तबादला हो गया। कई सेवानिवृत हो गए और कई का निधन हो चुका है। पुलिस सूत्रों की माने तो कई केस की फाइल भी लापता पुलिस अधिकारी अपने पास ले गए। इसमें अधिकांश केस अविशेष प्रकार के हैं। चोरी, छिनाझपटी, मारपीट जैसे केस, जो पुलिस इंस्पेक्टर पर्यवेक्षण करते हैं। एसपी अमितेश कुमार द्वारा डेढ़ दशक से लंबित चले आ रहे केसों की स्थिति की समीक्षा की गई तो पाया गया कि करीब सौ केसों का प्रभार पूर्व के जांचकर्ता द्वारा आज तक नहीं दिया गया है। ऐसे जांचकर्ता पूर्व के पते पर नहीं मिले। फलत: एसपी ने सभी अनुमंडल के पुलिस इंस्पेक्टर, थाना व ओपी अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे न्यायालय को सूचित कर वैसे केसों का नए सिरे से प्रभार ग्रहण करें। उन्होंने उनकी जांच कर कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित करने का भी निर्देश दिया है। ऐसे मामले अक्सर 2005 के बाद के सामने आए हैं।

इससे पहले के भी कई केस, जिसमें जांचकर्ता प्रभार नहीं दिए और अन्यत्र जिला अथवा सेवानिवृत होकर दूसरे राज्य चले गए, जिनका अता- पता नहीं चल रहा है, कि भी कोर्ट से जानकारी लेकर फाइलों को विभिन्न कार्यालयों व कोर्ट से एकत्रित कर तेजी से जांच करने को कहा गया है। जिले में महीनों से लंबित चले आ रहे करीब तीन हजार केस के बोझ को कम करने को लेकर मुहिम चलाया गया है। थानाध्यक्षों को रोज जांचकर्ता पुलिस अधिकारी के साथ समीक्षा बैठक कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कांड के प्रगति को लेकर थानाध्यक्षों को भी खास जिम्मेदारी दी गई है। क्या है मामला

अक्सर सामने आते रहा है कि पीड़ित आवेदन देकर केस दर्ज करा दिया। जब उन्हें दोबारा बयान देने, गवाही को लेकर बयान देने के लिए बुलाया जाता है, तो वे आने से अगर- मगर करते हैं। सात साल से कम सजा वाले मामलों में अभियुक्त और वादी की सोच होती है कि वे केस में रूचि नहीं भी लेंगे, तो उन्हें जेल नहीं जाना पडेगा। क्या है स्थिति

चित्रगुप्तनगर के एक मामले के लापता जांचकर्ता पुलिस अधिकारी ईश्वर दयाल सिंह की जब खोज की गई, तो पता चला कि वे कब के स्वर्ग सिधार गए। ऐसे अन्य मामलों में भी जांचकर्ता का पता नहीं चल पाया। पुलिस सूत्रों की माने तो चित्रगुप्तनगर के करीब 11, मुफस्सिल पांच, गंगौर चार, अलौली चार, चौथम 12, नगर थाना में करीब डेढ़ दर्जन मामले जांचकर्ता के लापता होने से लंबित हैं। गोगरी अनुमंडल के विभिन्न थानों में भी करीब 30 केस वर्षों से लंबित हैं। दोनों अनुमंडलों के पुलिस इंस्पेक्टरों द्वारा भी थानावार समीक्षा की जा रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि क्या कोई और मामला जांचकर्ता के प्रभार नहीं देने व लापता होने से लंबित है। कोट

लंबित तीन हजार कांडों में करीब एक सौ कांड ऐसे हैं जिसका प्रभार दिए बगैर जांचकर्ता पुलिस अधिकारी अन्यत्र जिला, दूसरे प्रदेश चले गए अथवा पता करने पर नहीं मिले। नए सिरे से कोर्ट को जानकारी देकर प्रभार ग्रहण करने और प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन के निर्देश दिए गए हैं।

अमितेश कुमार, एसपी, खगड़िया।

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