भूखे पेट सेविकाएं चला रहीं जागरुकता अभियान
खगड़िया । आंगनबाड़ी सेविकाओं के ऊपर कुपोषण दूर भगाने की जवाबदेही है। कोरोना के का
खगड़िया । आंगनबाड़ी सेविकाओं के ऊपर कुपोषण दूर भगाने की जवाबदेही है। कोरोना के कारण महीनों से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद है। कोरोना की घड़ी में लाभुकों के खाते पर राशि भेजी जा रही है। इधर, आंगनबाड़ी सेविकाओं को कुपोषण दूर भगाने, मतदाताओं को जागरूक करने की जवाबदेही दी गई है। सेविकाएं लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है। परंतु, उन्हें तीन माह से मानदेय नहीं मिला है। इतना ही नहीं, जो आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के मकान में चल रहे हैं, उसका किराया भुगतानतीन-चार वर्षों से नहीं हुआ है। जिस कारण उन्हें मकान मालिक से खड़ी खोटी सुननी पड़ती है। कोरोना के कहर के बीच अभी लगातार सेविकाएं मतदाता जागरूकता अभियान को लेकर डोर टू डोर संपर्क कर रही हैं। परंतु, समय पर मानदेय नहीं मिलने से उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति है।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के अध्यक्ष कुमारी कमला कहती है- तीन माह से सेविकाओं को मानदेय नहीं मिला है। करीब पांच वर्षों से मकान किराया का भुगतान नहीं हुआ है। परबत्ता प्रखंड में 210 सेविकाएं हैं। इनके चूल्हे दोनों समय कैसे जलेंगे इसकी चिता किन्हीं को नहीं है।सेविका मीरा कुमारी, अमृता कुमारी, सोनी कुमारी आदि ने कहा कि समय पर मानदेय नहीं मिलता है। तीन माह का मानदेय बकाया है। इस संबंध में
डीपीओ नीना सिंह ने कहा कि मानदेय ऊपर से आता है। हड़ताल अवधि की काटकर उपस्थिति विवरणी भेजी गई है। मकान किराया को लेकर सीडीपीओ स्तर से पता लगाएंगे।